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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गृह प्रवेश में पूजा-पाठ कराने वाले पांच ब्राह्मणों को समाज से बहिष्कृत करने का एलान किया गया है. यह घोषणाअखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा की शनिवार को बड़ा गणेश मंदिर प्रांगण में बुलाई गई आपात बैठक में की गई.महासभा ने इन कर्मकांडीब्राह्मणों के व्यवहार को ब्राह्मण समाज के लिए कलंक बताते हुए निंदा की है. महासभा की ओर से जारी तीन बिंदुओं में स्पष्ट रूप से कहा गया कि इनपांचों ब्राह्मणों का पूर्ण रूप से सामाजिक बहिष्कार हो. कोई भी कर्मकांडी ब्राह्मण इन व्यक्तियों को अपने धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल न करे. समस्तसनातन समाज इनसे किसी भी प्रकार की पूजा-पाठ अथवा कर्मकांड न कराए.

लोगों को चेतावनी देना आवश्यक
महासभा के प्रदेश अध्यक्ष शर्मानंद पांडेय ने कहा कि ब्राह्मण समाज की गरिमा, आस्था और मूल्यों के खिलाफ जाकर निजी लाभ के लिए काम करनेवाले ऐसे लोगों को चेतावनी देना आवश्यक है. इस निर्णय का उद्देश्य सनातन धर्म की मर्यादा और ब्राह्मणिक परंपराओं की गरिमा को बनाए रखना है. जिलाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने समस्त ब्राह्मण एवं सनातन धर्मावलंबियों से अपील की है कि वे इन व्यक्तियों का बहिष्कार कर समाज को मर्यादितदिशा प्रदान करें. इस दौरान उपेंद्र मिश्रा, पंचानन तिवारी, गोविंद दुबे, विवेकानंद परासर, श्रीराम मिश्रा व प्रियम उपाध्याय सहित आदि लोग उपस्थितथे।पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गृह प्रवेश में पूजा कराने वाले पांच ब्राह्मण समाज से बहिष्कृत होंगे. अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा कीबड़ा गणेश मंदिर प्रांगण में बैठक हुई. बैठक में यह एलान किया गया।महासभा के प्रदेश अध्यक्ष शर्मानंद पांडेय ने कहा, “ब्राह्मण समाज की गरिमाऔर सांस्कृतिक मूल्यों को बचाना हमारा कर्तव्य है जो लोग निजी स्वार्थ में समाज की परंपराओं का उल्लंघन करते हैं.

परंपराओं का करना है सम्मान
उन्हें कठोर चेतावनी देना जरूरी है इस बहिष्कार का उद्देश्य सनातन धर्म की मर्यादा बनाए रखना और परंपराओं का सम्मान करना है. जिलाध्यक्षअभिषेक पांडेय ने भी सभी ब्राह्मण और सनातन धर्म के अनुयायियों से आग्रह किया कि वे बहिष्कार का पालन करें और इस फैसले को गंभीरता से लेंताकि समाज को सही दिशा मिल सके. बैठक में उपेंद्र मिश्रा, पंचानन तिवारी, गोविंद दुबे, विवेकानंद परासर, श्रीराम मिश्रा, प्रियम उपाध्याय सहितकई वरिष्ठ ब्राह्मण नेता मौजूद थे. इन नेताओं ने इस निर्णय को सनातन धर्म की रक्षा और ब्राह्मण समाज की पहचान बनाए रखने के लिए आवश्यककदम बताया।यह फैसला उस विवाद के बीच आया है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के घर प्रवेश के दौरान पूजा कराने वाले इन ब्राह्मणों केखिलाफ समाज में नाराजगी देखी गई थी. बहिष्कार के इस कदम से समाज में व्यापक चर्चा हो रही है और यह देखने वाली बात होगी कि इस निर्णयका कितना प्रभाव पड़ता है.बैठक में उपस्थित महासभा के नेताओं ने इन कर्मकांडी ब्राह्मणों के व्यवहार को ब्राह्मण समाज की प्रतिष्ठा और आस्था केखिलाफ बताया और इसे कलंक माना. महासभा ने स्पष्ट किया कि इन पांचों ब्राह्मणों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा और कोई भी ब्राह्मण इन्हेंअपने धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल नहीं करेगा. सनातन समाज से अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार के पूजा-पाठ या कर्मकांड में इन व्यक्तियोंकी सेवाएं न लें.

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