
अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत एवं नगर निकाय में वर्तमान 20% नवीनता को 30% प्रदान किया गया। जनसंख्या के अनुपात में 50% की सीमाको बढ़ाने के लिए, विधान मंडल ने संविधान की नौवीं अनुसूची को शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा। नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में”उपयुक्त नहीं पाया गया” (एनएफएस) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा। अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन(अंडर- या ओवर-इनक्लूजन) से संबंधित सभी मामलों को एक समिति में शामिल किया जाएगा। अतिपिछड़ा, जनजाति वर्ग, जन-जाति तथा पिछड़ावर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसीमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसीमल आवासीय भूमि उपलब्ध होगी।
नामांकन में नामांकन दर्जे का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा
यूपीए सरकार द्वारा पारित ‘शिक्षा अधिकार अधिनियम’ (2010) के तहत निजी नामांकन में नामांकन दर्जे का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछौड़ीजाति, आबादी जाति और जन-जाति के बच्चे शामिल होंगे।25 करोड़ अधिनायक वर्ग के लिए सरकारी टेकन/आर्ट आर्टिस्ट में अतिपिछड़ा, परत जाति, जनजाति और पिछड़ा जाति के लिए 50% का प्रस्ताव रखा जाएगा। संविधान की धारा 15 (5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण अभ्यारण्यों केनामोल्लेख को लागू किया गया। उच्च अधिकार प्राप्त कट्टरपंथी प्राधिकारी का गठन किया जाएगा, और जातीय की विशिष्ट सूची में भी कोई भीकेवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा। विवरण एम समाचार बनाके दो अंक एम एमटी देना हेडलाइन चैट के साथ जीपीटी ने कहा: अतिपिछड़ा वर्ग के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं: नए संशोधन और सुधारों की घोषणा के तहत, सरकार ने अतिपिछड़ा वर्ग के लिए अहम घोषणाएं कीहैं।
घोषणाओं के माध्यम से समाज के इस वर्ग को बनाने की दिशा
इन घोषणाओं के माध्यम से समाज के इस वर्ग को बनाने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। यहां हम उन प्रमुख बिंदुओं का विवरण दे रहे हैं: अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम का गठन सरकार ने अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों पर हर प्रकार के अत्याचार और भेदभाव से सुरक्षा प्रदान करनेके लिए एक नया अधिनियम बनाने की घोषणा की है। इससे उनकी अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और उनके होने वाले आतंकवादियों कोरोका जाएगा। अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत और नगर निकाय में 20% की बढ़ोतरी, जिसे अब 30% किया जाएगा। यह कदम उनके राजनीतिकऔर सामाजिक विचारधारा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संविधान की नौवीं अनुसूची में पूर्वोत्तर को शामिल करने का प्रस्ताव, जनसंख्या केअनुपात में पूर्वोत्तर की सीमा को 50% से अधिक बढ़ाने के लिए, सरकारी विधान मंडल ने प्रस्ताव रखा कि संविधान की नौवीं अनुसूची को इसमेंशामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में परिवर्तन
इससे पहले के शोरूम को शोरूम। नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में परिवर्तन “उपयुक्त नहीं पाया गया” (NFS) जैसी अवधारणा को अवैध घोषितकिया जाएगा। इस कदम से,नौकरी की चयन प्रक्रिया में दुकान और कर्मचारी को बढ़ावा देना। अति पिछड़ा वर्ग की सूची में सुधार अति पिछड़ा वर्गकी सूची में अल्प या अति समावेशन से संबंधित सभी मामलों को एक विशेष समिति द्वारा शामिल किया जाएगा। यह समिति प्रमाणित करती है किबैले सही और हो। जनसंख्या भूमि का वितरण अतिपिछड़ा, जनजाति जाति, जनजाति और जनजाति वर्ग की भूमियों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसीमल औरग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसीमल आवासीय भूमि प्रदान की जाएगी। यह कदम उनके सामाजिक और आर्थिक क्रांतिकारी में सहायक होगा। यूपीए सरकारद्वारा शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत ‘शिक्षा अधिकार अधिनियम’ के तहत अब निजी स्कूलों में अतिपिछड़ा, पिछड़ा वर्ग, जनजाति और जन-जातिके बच्चों के लिए ‘शिक्षा अधिकार अधिनियम’ का हिस्सा तय किया गया है। इससे शिक्षा के क्षेत्र में लाभ मिलेगा।