
हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित 1300 वर्ष से भी अधिक पुराना ऐतिहासिक अनंगपुर गाँव आज सरकारी बुलडोज़र की चपेट में है। राज्यसरकार की ओर से चल रही तोड़फोड़ की कार्रवाई ने न केवल स्थानीय निवासियों को संकट में डाल दिया है, बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत औरऐतिहासिक पहचान पर भी गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
इस कार्रवाई के विरोध में 13 जुलाई 2025 को अनंगपुर गाँव में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आम आदमी पार्टीका एक प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा। यह महापंचायत केवल इमारतों की रक्षा नहीं, बल्कि पूर्वजों की धरोहर, आत्मसम्मान और पीढ़ियों कीपहचान को बचाने का संकल्प है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह कोई सामान्य गाँव नहीं, बल्कि इतिहास की जीती-जागती मिसाल है, जिसे मिटानेकी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, सरकार ने जिस प्रकार से बुलडोज़र चलाकर इस गाँव को मिटाने की योजना बनाई है, वह लोकतंत्र, इतिहासऔर इंसानियत तीनों के खिलाफ है। उन्होंने दिल्ली और आसपास के 300 से अधिक गाँवों के युवाओं से अपील की कि वे इस महापंचायत मेंशामिल होकर पूर्वजों के सम्मान और भविष्य की रक्षा के लिए एकजुट हों। यह समय खामोश रहने का नहीं, बल्कि अपने हक़ और इतिहास की रक्षाके लिए खड़े होने का है, उन्होंने कहा।
महापंचायत में देशभर से गुर्जर समाज के लोग भाग लेंगे। गुर्जर समाज का भारत के इतिहास में अहम योगदान रहा है। अनेक वीरों ने सीमा पर प्राणन्योछावर किए, और आज उसी समाज के लोगों को उनके बसे-बसाए गाँवों से उजाड़ा जा रहा है। यह सिर्फ एक वर्ग नहीं, बल्कि पूरे देश केआत्मसम्मान पर आघात है।
सौरभ भारद्वाज ने प्रधानमंत्री की उम्र को लेकर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकारी नियमों के अनुसार 60 वर्ष की आयु के बाद कर्मचारी सेवानिवृत्तहो जाते हैं, तो फिर प्रधानमंत्री को भी 75 की उम्र पार करने के बाद पद छोड़ देना चाहिए, जैसा स्वयं सरकार की पार्टी के आंतरिक दिशा-निर्देशों मेंउल्लेख है।
उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, प्रधानमंत्री जी को अब अपने ही बनाए हुए नियमों का पालन करना चाहिए और देश को नई सोच, नई पीढ़ी और नए नेतृत्वके लिए मार्ग देना चाहिए।
अनंगपुर की महापंचायत केवल एक गाँव की रक्षा नहीं, बल्कि संविधान, संस्कृति और नागरिक अधिकारों की रक्षा का प्रतीक बन रही है। यह स्पष्ट हैकि अब लोग खामोश नहीं बैठेंगे। आने वाली 13 जुलाई को अनंगपुर में होने वाली यह महापंचायत एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक संदेश देनेजा रही है – कि विरासत मिटाने की हर कोशिश का जवाब एकजुट जनशक्ति देगी।