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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि घुसपैठियों को पाल-पोसकर वोट बैंक बनाने की कोशिश करने वालों को एसआईआर से दर्द होता है। कांग्रेसनेता राहुल गांधी जो वोट चोरी का हल्ला मचा रहे हैं। वह जानते हैं कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से घुसपैठियों को बाहरनिकाला जाएगा, यही कारण है उनकी बौखलाहट का। शाह ने कहा, भाजपा इस बात का पुरजोर समर्थन करती है कि पूरे देश में एसआईआर लागू होऔर चुन-चुनकर घुसपैठियों को मतदाता सूची से हटाया जाए। पटना में दो मीडिया समूहों के एक आयोजन में शाह ने कहा कि भाजपा शासित असममें घुसपैठ रुक गई है, लेकिन पड़ोसी पश्चिम बंगाल में यह जारी है। क्योंकि वहां की सरकार अवैध प्रवासियों का लाल कालीन स्वागत कर रही है।देश में घुसपैठियों के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दोष मढ़ने वाले विपक्ष के दावे पर शाह ने कहा, लुटियंस दिल्ली में बैठे लोगों को पता हीनहीं है कि सीमाएं कैसी हैं। बांग्लादेश से लगी सीमा पर घने जंगल और तेज नदियां हैं, जो मानसून के दौरान उफान पर होती हैं। बाड़ लगाना असंभवहै, और चौबीसों घंटे निगरानी भी। सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों की नावें भी अक्सर बह जाती हैं।

उन्होंने कहा कि मेरा कहना यह है कि जब पड़ोसी देश का कोई व्यक्ति हमारे इलाके में घुसता है, तो क्या इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस थाने औरपटवारी को नहीं हो सकती? ये अधिकारी कदम क्यों नहीं उठाते? क्योंकि उन्हें ऊपर से आदेश मिला है कि इन घुसपैठियों का लाल कालीन बिछाकरस्वागत किया जाए। शाह ने कहा, गुजरात, राजस्थान, असम में घुसपैठ नहीं होती, क्योंकि वहां भाजपा सरकार है। शाह ने कहा कि घुसपैठ पर राजदऔर कांग्रेस ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। क्या सिर्फ मुस्लिम होने की वजह से किसी घुसपैठिए को बख्श देना चाहिए? शाह बोल किबांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हुए हिन्दू, बौद्ध और सिख शरणार्थियों का इस देश में उतना ही अधिकार है जितना इस देश के लोगों का है। शाहने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देश अगले साल 31 मार्च से पहले नक्सली हिंसा से मुक्त होगा। जहां-जहां नक्सलवाद समाप्त हुआ, विकास तेज हुआ। नक्सली हथियार त्यागकर मुख्यधारा में आएं। मंत्री ने दो टूक कहा कि हथियार लेकर यदि कोई हिंसा करेगा, तो उसे जवाब गोलीसे ही मिलेगा।

भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए
शाह ने बिहार की जनता से नया मुखौटा पहने जंगलराज पर भरोसा नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “पिछले 20 वर्षों में हमने इस राज्य कोनरक से बाहर निकाला है। अब समय है कि इस मजबूत नींव पर एक मजबूत संरचना तैयार की जाए। मैं जनता से अपील करता हूं कि वे जंगलराजलाने वालों पर भरोसा न करें, चाहे वे किसी नए चेहरे या गठबंधन के रूप में क्यों न आएं।” उन्होंने कहा आगे कहा कि राष्ट्रीय जनता दल नीत इंडियागठबंधन दरअसल जंगलराज का नया रूप है, जबकि राजग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को स्थिरता औरप्रगति की राह पर आगे बढ़ाया है। उम्मीद है कि जनता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को बिहार में सत्ता बरकरार रखेगी। शाह ने पूर्व राजनीतिकरणनीतिकार प्रशांत किशोर की एक साल पुरानी जन सुराज पार्टी पर टिप्पणी करने से भी इन्कार कर दिया। जन सुराज पार्टी की ओर से राज्य के कईभाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए जाने के सवाल पर शाह ने कहा, “उन्होंने (किशोर) एक नई पार्टी बनाई है जो पहली बार चुनाव लड़ रही है।हम उनके बारे में वोटों की गिनती और नतीजे घोषित होने के बाद बात करेंगे।”

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