NEWS अब तक

International Relations: अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर दुनियाभर के देशों की चिंता को कुछ दिनों की राहत दी है. राष्ट्रपति डोनाल्डट्रंप ने 2 अप्रैल को घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ की समयसीमा को 1 अगस्त तक बढ़ा दिया है. इस फैसले पर निर्यतकों ने कहा कि रेसिप्रोकल टैरिफ कीसमयसीमा बढ़ाना अमेरिका की अपनी व्यापारिक साझेदारों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने की इच्छा को दर्शाता है. भारतीय निर्यात संगठन महासंघ(फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि यह कदम व्यापारिक वार्ता के लिए अवसर प्रदान करता है। इससे भारत को शेष मुद्दों को सुलझाने केलिए और समय मिला है. उन्होंने कहा कि अगर भारत इस महीने के अंत तक अमेरिका के साथ कम से कम वस्तुओं पर द्विपक्षीय व्यापार समझौता(बीटीए) कर लेता है. तो भारत को अन्य देशों की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी लाभ मिल सकता है एक अन्य निर्यातक ने कहा कि इस निर्णय से घरेलूउद्योग को राहत मिलेगी.

भारत के लिए रहा राहत भरा कदम
भारत को अंतरिम व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ बात करने के लिए 12 से 13 दिन का अतिरिक्त समय मिल गया है. अंतरराष्ट्रीय व्यापारविशेषज्ञ विश्वजीत धर ने इसे भारत के लिए राहत भरा कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह प्रतिक्रिया भारत द्वारा कुछ मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाने केकारण आई है. फियो के अध्यक्ष और लुधियना स्थित इंजीनियरिंग निर्यात ने कहा कि हालांकि यह एक छोटी सी राहत है. फिर भी हम उम्मीद लगाएबैठे हैं. मुंबई के निर्यातक और टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज (इंडिया) के संस्थापक शरद कुमार सराफ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बहुतअप्रत्याशित हैं. भारतीय निर्यातकों को नए बाजार तलाशने चाहिए. भारत और अमेरिका इस साल सितंबर-अक्टूबर तक एक व्यापक द्विपक्षीय व्यापारसमझौते का पहला चरण पूरा करना चाहते हैं. इससे पहले वे एक अंतरिम समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। वर्ष 2021-22 सेअमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है. 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरबडॉलर का रहा, जिसमें भारत का निर्यात 86.51 अरब डॉलर और आयात 45.33 अरब डॉलर था. भारत को 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेषप्राप्त हुआ. अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ की समयसीमा को 1 अगस्त का बढ़ा दिया है.

सतर्कता होगी बरतनी
इस निर्णय पर भारतीय निर्यतकों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया है. उन्होंने कहा है कि इससे कुछ दिनों की राहत जरूर मिली है लेकिन भविष्य के लिएसतर्कता बरतनी होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित नीति के कारण निर्यातकों ने नए बाजार तलाशने की सलाह दी है. भारत औरअमेरिका सितंबर-अक्टूबर तक व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा करने की योजना बना रहे हैं। 2024-25 में भारत कोअमेरिका के साथ 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष रहा. लुधियाना के इंजीनियरिंग निर्यातक और फियो के अध्यक्ष ने कहा कि यह छोटा साराहत पैकेज है. लेकिन निर्यातकों की उम्मीदें अभी भी जिंदा हैं. मुंबई के टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज के संस्थापक शरद कुमार सराफ ने कहा कि अमेरिकीराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित नीतियों के चलते भारतीय निर्यातकों को नए बाजार तलाशने होंगे. अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ की समयसीमाको 1 अगस्त तक बढ़ा दिया है। इस कदम को लेकर भारतीय निर्यातकों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है. वे मानते हैं कि यह कुछ दिनों की राहत तो देता हैलेकिन दीर्घकालिक रणनीति पर भी ध्यान देना जरूरी है ताकि भारत अपनी निर्यात क्षमता को और बढ़ा सके.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *