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मराठा आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे को महाराष्ट्र के मंत्री को नसीहत दी है. मंत्री चंद्रकांतपाटिल ने मनोज जरांगे से कहा कि उनको अपनी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी ने अवैध प्रदर्शनकिया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी मेंआरक्षण देने की मांग को लेकर 29 अगस्त से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. उनकी इस मांग का ओबीसीसमूहों ने विरोध किया है मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जरांगे को सरकार के साथ बैठकर कागज-कलम के साथ मराठा आरक्षण से संबंधित मुद्दों परचर्चा करनी चाहिए, न कि विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल का सहारा लेना चाहिए.

सौंपा गया काम
उन्होंने कहा कि सभी को वैध तरीके से विरोध करने का अधिकार है लेकिन इस रास्ते से भटकने वाला कोई भी आंदोलन राज्य को कार्रवाई करने केलिए बाध्य करेगा. राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण पर दोबारा कैबिनेट उप-समिति बनाई है. मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल को इसका नया अध्यक्षबनाया गया है. जबकि चंद्रकांत पाटिल समिति के सदस्य हैं. अधिकारियों ने बताया कि समिति को मराठा आरक्षण मुद्दे के प्रशासनिक और कानूनीपहलुओं पर समन्वय स्थापित करने, अदालती मामलों में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के साथ संपर्क स्थापित करने और न्यायिक आदेशोंको लागू करने की प्रक्रिया तैयार करने का काम सौंपा गया है.

ओबीसी लाभ प्राप्त करने में मिली मदद
समिति को मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों के साथ विचार-विमर्श करने, जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सुचारू बनाने और समुदाय केलिए घोषित कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए भी कहा गया है. इस बीच मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जब वहसमिति के अध्यक्ष थे, तब कई लोगों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र मिले थे. एक व्यक्ति कब तक एक ही काम करता रहेगा? मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेके नेतृत्व वाली सरकार के दौरान राज्य ने कुनबी अभिलेखों का पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू किया. इससे मराठों को ओबीसी लाभ प्राप्तकरने में मदद मिली.


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