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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर गांधी परिवार और कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आपातकाल देश नहींबल्कि एक परिवार के हित में लगाया गया. उस दौर में लोकतंत्र कुचला गया संविधान से छेड़छाड़ हुई और हजारों लोग जेल में डाले गए. जयशंकर नेआज की राजनीतिक एकता और देशहित को लोकतंत्र की असली पहचान बताया.विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ परकांग्रेस और गांधी परिवार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि आपातकाल इसलिए लगाया गया क्योंकि देश से पहले एक परिवार के हित कोरखा गया उस दौरान न लोकतंत्र बचा न जनता की आवाज.

परिवार ले रहा है सत्ता का मजा
लोग जेलों में बंद थे देश डर में जी रहा था और परिवार सत्ता का मजा ले रहा था. जयशंकर ने कहा कि कुछ लोग आज संविधान की किताब हाथ मेंलेकर घूमते हैं लेकिन दिल में उसका सम्मान नहीं करते। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग आज लोकतंत्र की दुहाई देते हैं. वो आज तकआपातकाल पर माफी नहीं मांग सके. जयशंकर ने बताया कि जब वह विदेश सेवा में नए थे, तब उनके सीनियर्स ने उन्हें बताया था कि दुनियाभर मेंभारत की ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ वाली छवि को गहरा धक्का लगा था. भारत की बहुत आलोचना हुई और भारतीय राजनयिकों के लिए हालात बेहदकठिन हो गए थे. विदेश मंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान सिर्फ दो साल में 5 बार संविधान में संशोधन हुआ और 48 अध्यादेश लाए गए. 38वेंसंशोधन में आपातकाल को अदालत में चुनौती देने का अधिकार छीना गया जबकि 42वें संशोधन में मौलिक अधिकार कमजोर कर दिए गए औरन्यायपालिका की शक्ति सीमित की गई.

सरकार की लोकप्रियता लगी थी गिरने
एस. जयशंकर ने कहा कि 1971 में मिली चुनावी जीत के कुछ साल बाद ही सरकार की लोकप्रियता गिरने लगी थी. भ्रष्टाचार और महंगाई बढ़ गईथी गुजरात और बिहार में आंदोलन चल रहे थे ‘युवराज’ के बिजनेस को लेकर सवाल उठ रहे थे. ऐसे में सरकार ने सत्ता बचाने के लिए आपातकालथोप दिया. उन्होंने आगे कहा कि उस दौर में देश का मनोबल तोड़ने की साजिश हुई जो राजनीति में थे. उन्हें पता था कि कभी भी गिरफ्तार किया जासकता है. जो जेल गए उन्हें नहीं पता था कि कब बाहर निकलेंगे। इतना डर और अन्याय शायद ही कभी देखा गया हो. जयशंकर ने कहा कि ‘किस्साकुर्सी का’ फिल्म के नाम में ही उस वक्त की असलियत छिपी है. जब परिवार को देश से ऊपर रखा जाता है, तब ही आपातकाल जैसे काले अध्यायलिखे जाते हैं.

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