
दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष अंकुश नारंग ने एमसीडी स्कूलों की खस्ता हालत पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा किखासतौर पर चाइल्ड विद स्पेशल नीड्स यानी विशेष जरूरतों वाले बच्चों के स्कूलों की हालत बेहद खराब है। इन बच्चों के लिए पढ़ाई और देखभालकी सही व्यवस्था नहीं है, जिससे उनका भविष्य अंधेरे में जा रहा है।
आंकड़ों से उजागर हुई सच्चाई
अंकुश नारंग ने बताया कि इस समय दिल्ली में नगर निगम के कुल 1514 स्कूल चल रहे हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन सभी स्कूलों केलिए केवल 146 शिक्षक ही नियुक्त किए गए हैं। इसका सीधा मतलब है कि करीब 55 स्कूल ऐसे हैं जहाँ कोई भी शिक्षक नहीं है। कई स्कूलों मेंसिर्फ दो-दो शिक्षक हैं, जबकि नियम के मुताबिक एक से ज्यादा की नियुक्ति अलाउड ही नहीं है। उन्होंने बताया कि मायापुरी प्रेस कॉलोनी, बसईदारापुर, रोहिणी सेक्टर-22, बवाना और सिटी एसपी ज़ोन समेत कई इलाकों के स्कूलों में यह गड़बड़ियां साफ नज़र आ रही हैं।
बच्चों पर पड़ रहा असर
नेता विपक्ष ने कहा कि सामान्य स्कूलों में तो पहले ही क्लासों में बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है। कई जगह एक क्लास में 60 से 70 बच्चे तक बैठतेहैं। वहीं दूसरी तरफ विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए बनाए गए स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति उलझन भरी है। कई जगह दो-दो शिक्षक रख दिएगए हैं, जबकि नियम इसकी अनुमति नहीं देता।
स्पेशल एजुकेटर्स से करवाया जा रहा क्लर्क का काम
अंकुश नारंग ने गंभीर आरोप लगाया कि कई स्कूलों में विशेष जरूरतों वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए नियुक्त स्पेशल एजुकेटर्स से पढ़ाई कराने केबजाय क्लर्क का काम करवाया जा रहा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हौज खास में अवनीश, नया बांस में अमीषा, न्यू गुप्ता कॉलोनी में दीपायादव और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के विधानसभा क्षेत्र शालीमार बाग में सबा नाम की स्पेशल एजुकेटर क्लर्क का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यहबच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।
भाजपा से पूछे सवाल
अंकुश नारंग ने भाजपा पर सीधे सवाल दागे। उन्होंने कहा कि पिछले साल एमसीडी स्कूलों में बच्चों की संख्या 10,000 थी, लेकिन इस साल यहघटकर 7,500 कैसे रह गई? उन्होंने यह भी पूछा कि जब नियमों के अनुसार एक स्कूल में एक ही स्पेशल एजुकेटर होना चाहिए तो दो-दो की नियुक्तिकिसके आदेश पर हुई?
इसके अलावा उन्होंने कहा कि जहाँ पर प्राइमरी टीचर्स की कमी है, वहां पर इन स्पेशल एजुकेटर्स को क्यों नहीं लगाया गया?
कमिश्नर को लिखी चिट्ठी
अंकुश नारंग ने कहा कि वह इस पूरे मामले को लेकर एमसीडी कमिश्नर को चिट्ठी लिख रहे हैं। उनकी मांग है कि पर्सन्स विद डिसएबिलिटीज यानीदिव्यांग बच्चों के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए। उन्हें स्कूलों में सही शिक्षा और विकास का मौका मिलना चाहिए।
भाजपा की 4 इंजन सरकार पर हमला
नेता विपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा की इस समय चार इंजन वाली सरकार है। केंद्र, राज्य, एमसीडी और उपराज्यपाल चारों जगह भाजपा काशासन है। इसके बावजूद एमसीडी स्कूलों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के चारों इंजन केवल दिखावे के लिएहैं, हकीकत में ये इंजन फेल साबित हो रहे हैं।
नारंग की मांग
अंत में अंकुश नारंग ने साफ कहा कि उनकी मांग है कि विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए नियुक्त शिक्षकों को पढ़ाई के काम में लगाया जाए, न किक्लर्क का काम कराया जाए। इन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो और जल्द से जल्द नए शिक्षकों की भर्ती की जाए ताकि हर स्कूल में पढ़ाई कीसही व्यवस्था हो सके।