
एम्स के भौतिक चिकित्सा और पुनर्वास (पीएमआर) विभाग में इलाज करवाने आ रहे मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए सेंटर का विस्तार कियाजाएगा. इसकी मदद से सभी प्रकार की सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिल सकेंगी. मौजूद समय में मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण सुविधाओंका अभाव रह जाता है. एम्स की प्रोफेसर डॉ. गीता हांडा ठुकराल ने कहा कि विभाग के लिए नए सेंटर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसकी मददसे मरीजों को एक जगह पर पुनर्वास की सभी सुविधाएं मिल जाएंगी.
विभाग में सबसे ज्यादा मरीज स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के आते हैं इनमें अधिकतर मरीजों की रीढ़ की हड्डी में चोट ऊंचाई से गिरकर लगती है इसमें रीढ़ कीहड्डी को नुकसान होता है.
संवेदनशीलता में हो सकती है कमी
जिसके कारण गतिशीलता और संवेदनशीलता में कमी हो सकती है. एम्स के विभाग में हर सप्ताह 15-20 मरीज स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के साथ आतेहैं. इन मरीजों को पहले खुद के काम करने के लायक बनाया जाता है इस दौरान बची हुईं मांसपेशियों को बेहतर करने व उन्हें मजबूत करने का प्रयासकिया जाता है. साथ ही मरीज को खुद के कपड़े पहनने व दूसरे काम करने के लायक बनाया जाता है. ऐसा करने से तीमारदार की समस्याएं भी कम होजाती हैं इस कोशिश से मरीज दूसरे पर निर्भर होने से बच जाता है. एम्स में स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के सबसे ज्यादा मरीज 20 से 40 साल के युवा होतेहैं। इनमें ज्यादातर मरीज ऊंचाई या पेड़ से गिरकर घायल होते हैं. एम्स की प्रोफेसर डॉ. गीता हांडा ठुकराल ने कहा कि विभाग के लिए नए सेंटर बनानेका प्रयास किया जा रहा है. इसकी मदद से मरीजों को एक जगह पर पुनर्वास की सभी सुविधाएं मिल जाएंगी. ये युवा (20–40 वर्ष) मरीज अपनीस्वायत्तता जब्त क्षमता बहाल करने के लिए फिजियोथेरेपी, मजबूती प्रशिक्षण और व्यक्तिगत कार्यों (जैसे कपड़े पहनना) की सुविधा पाते हैं.
संस्थान का बोझ किया जा सके कम
विभाग का लक्ष्य है कि नए सेंटर से खुली जगह की कमी दूर हो और मरीजों को बेहतर समग्र पुनर्वास क्षमता प्राप्त हो.इससे मरीजों का इलाज बेहतरहोगा, तीमारदारों की सहायता कम होगी, और AIIMS की सुरक्षा, सुविधाजनक पहुंच और गुणवत्ता सेवाएं भी घटित होंगी हर सप्ताह लगभग 15–20 मरीज स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के साथ आते हैं जिनमें से अधिकांश चोट ऊंचाई या पेड़ से गिरने से लगी होती हैं. NITI Aayog ने हाल ही मेंAIIMS दिल्ली के व्यापक रिवैम्प और NCR-व्यापी सेवा विस्तार का प्रस्ताव रखा है ताकि मुख्य संस्थान का बोझ कम किया जा सके.दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने AIIMS में 1,500 लोगों के लिए प्रतीक्षा हॉल भी लोहे से समर्पित किया है यह मरीजों और तीमारदारों की सुविधा को ध्यान में रखकरकिया गया है.इससे मरीजों का इलाज बेहतर होगा, तीमारदारों की सहायता कम होगी, और AIIMS की सुरक्षा, सुविधाजनक पहुंच और गुणवत्तासेवाएं भी घटित होंगी.