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राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामलों ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस गंभीर मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी नेदोनों राज्यों की भाजपा सरकारों पर बड़ा आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है कि इन मौतों के पीछे सरकारों की लापरवाही और दवाओं की खरीद मेंहुआ भारी भ्रष्टाचार ज़िम्मेदार है। पार्टी ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है ताकि सच सामने आ सके।

कांग्रेस नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकारों पर उठाए सवाल
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने संयुक्त रूप से भाजपा सरकारों परगंभीर आरोप लगाए। दोनों नेताओं ने कहा कि कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामलों को सरकारें दबाने की कोशिश कर रही हैं। सरकारें न तो सहीआंकड़े बता रही हैं, न ही ज़िम्मेदार अधिकारियों और कंपनियों पर कोई कार्रवाई कर रही हैं।

टीकाराम जूली का आरोप –राजस्थान में चार मौतेंसरकार सच्चाई छिपा रही
टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान में कफ सिरप से अब तक चार बच्चों की मौतें हो चुकी हैं, लेकिन राज्य सरकार इन मौतों को मानने से इनकार कररही है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा मंत्री ने कफ सिरप में गड़बड़ी की बात मानने से साफ इनकार कर दिया। जूली ने सवाल किया कि जब कई कंपनियों कोपहले ही ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है, तो उन्हीं कंपनियों से दवाइयाँ क्यों खरीदी जा रही हैं? उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इस गंभीर मामले मेंसिर्फ एक कमेटी बनाकर खानापूर्ति की है, ताकि मामला दब जाए और जनता का ध्यान भटक जाए।

जूली ने उठाया एसएमएस अस्पताल में आग की घटना का मुद्दा
राजस्थान के जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल में लगी आग का जिक्र करते हुए टीकाराम जूली ने कहा कि इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई, लेकिन अस्पताल का स्टाफ मरीजों को बचाने के बजाय भाग गया। उन्होंने आरोप लगाया कि चिकित्सा मंत्री घटना के 24 घंटे बाद मौके पर पहुंचे, जिससे सरकार की संवेदनहीनता साफ झलकती है।

उमंग सिंघार का आरोपमध्य प्रदेश में 16 बच्चों की मौतसरकार सोई रही
मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले में 16 बच्चों की मौत कफ सिरप पीने के बाद हुई, लेकिन सरकार ने कोई कदमनहीं उठाया।


उन्होंने बताया कि स्थानीय विधायक ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और कलेक्टर को इस मामले में पत्र लिखा था, मगर किसी ने जवाब तक देना ज़रूरीनहीं समझा।सिंघार ने तंज कसते हुए कहा कि जब राज्य में मासूम बच्चे मर रहे थे, तब मुख्यमंत्री काजीरंगा पार्क में हाथियों के साथ मौज-मस्ती कर रहेथे।

भ्रष्टाचार के आरोप और कंपनियों को क्लीनचिट देने पर सवाल
सिंघार ने आरोप लगाया कि सरकार के डिप्टी सीएम ने कफ सिरप से किसी भी बच्चे की मौत से इनकार कर दिया और सिरप बनाने वाली कंपनी कोक्लीनचिट दे दी। उन्होंने कहा कि यह वही कंपनियां हैं जो पहले भी संदिग्ध रही हैं और जिनकी दवाओं को कई बार बाजार से हटाया गया था।

टेस्ट नहीं करवाए गएकिडनी फेल से बच्चों की मौतें
सिंघार ने बताया कि जिन बच्चों की मौत हुई, उनमें से ज़्यादातर की किडनी फेल हो गई थी। इसके बावजूद सरकार ने कोई लैब टेस्ट नहीं करवाया, नही यह पता लगाया कि सिरप में कौन-सा ज़हरीला तत्व मिला हुआ था। उन्होंने सवाल किया कि सरकार आखिर किन कारणों से ऐसी कंपनियों केखिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही जो गरीब और आदिवासी इलाकों में जहरीली दवाएं बेच रही हैं?

सरकार और दवा कंपनियों की मिलीभगत का आरोप
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सरकार और कुछ दवा कंपनियों के बीच मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि परासिया जैसे आदिवासी क्षेत्रों और छोटेजिलों में सरकार खुद इन कंपनियों को व्यापार का मौका दे रही है। क्या मंत्री और अधिकारी इन कंपनियों से हिस्सा ले रहे हैं?

केंद्र सरकार की एडवाइजरी को नज़रअंदाज़ किया गया
उमंग सिंघार ने बताया कि भारत सरकार ने 3 अक्टूबर 2025 को कफ सिरप को लेकर एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें सतर्क रहने और जांच केनिर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद मध्य प्रदेश और राजस्थान की भाजपा सरकारें जागीं तक नहीं, जिससे यह स्पष्ट है कि इन मौतों के पीछे भारीभ्रष्टाचार और लापरवाही है।

पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा और नौकरी की मांग
कांग्रेस नेताओं ने दोनों राज्यों की सरकारों से मांग की कि मृत बच्चों के परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और इलाज में खर्चहुई पूरी राशि वापस की जाए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मुआवज़े का नहीं, बल्कि न्याय और जवाबदेही का मामला है।

मध्य प्रदेश में अस्पताल की भयावह घटना पर भी सवाल
उमंग सिंघार ने मध्य प्रदेश के एक अस्पताल की उस विचलित करने वाली घटना का भी ज़िक्र किया जिसमें नवजात शिशुओं को चूहों ने काट लियाथा।
उन्होंने कहा कि राज्य में कुपोषण की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है, फिर भी सरकार पोषण आहार योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रही है।

कांग्रेस की मांग – बच्चों की मौत पर न्यायिक जांच और दोषियों की गिरफ्तारी
कांग्रेस ने साफ कहा है कि यह मामला केवल लापरवाही नहीं बल्कि भ्रष्टाचार से जुड़ा अपराध है। टीकाराम जूली और उमंग सिंघार ने मांग की कि इसपूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो और दोषी अधिकारियों व कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।


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