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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट द्वारा बिहार SIR मुद्दे पर दिए गए आज के फैसले का स्वागत करती है और इसकी सराहना करती है. हमारे देश कालोकतंत्र भारत के चुनाव आयोग (ECI) के घातक हमले से बच गया है. 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए चुनाव आयोग के उस निर्णयको रद्द कर दिया था, जिसमें उसने हटाए गए मतदाताओं की सूची साझा करने से इनकार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने ECI को निर्देश दिया था कि हटाएगए मतदाताओं की सूची कारणों सहित प्रकाशित की जाए. 14 अगस्त को ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि जिन मतदाताओं के नामहटाए गए हैं.

पहचान पत्र के रुप में किया जाए स्वीकार
उनके लिए आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया जाए. आज अदालत ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि आधार एक मान्य पहचानपत्र है, जिसे चुनाव आयोग को अनिवार्य रूप से स्वीकार करना होगा. आज सुप्रीम कोर्ट ने संशोधन प्रक्रिया को अधिक समावेशी बनाने के लिए सुरक्षाउपाय तय किए हैं, जिनमें राजनीतिक दलों की भागीदारी को भी शामिल किया गया है. अब तक चुनाव आयोग का रवैया बाधा उत्पन्न करने वाला हैऔर मतदाताओं के हितों के विपरीत रहा है. हम इस फैसले का स्वागत करते हैं, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि यह हमें एक ऐसा अधिकार प्रदानकरता है, जिसे चुनाव आयोग अनदेखा नहीं कर सकता. आज, चुनाव आयोग पूरी तरह से बेनकाब और बदनाम हो गया है. इसके G2 कठपुतलीसंचालक निर्णायक रूप से पराजित हो गए हैं. दिल्ली कांग्रेस देवेंद्र यादव जी के नेतृत्व में हुआ जिसमें जिला अध्यक्ष राजकुमार जैन पूर्व विधायक भूरे, पूर्व मंत्री डॉक्टर नरेंद्र नाथ स्पोक्सपर्स पर्सन विक्रम लोहिया, रोहतास नगर पूर्व कैंडिडेट सुरेश्वती चौहान मौजूद थे.

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