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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक तीखी प्रेस वार्ता में मोदी सरकार पर किसानों को लेकर गंभीर आरोपलगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है, उनकी आय बढ़ाने के नाम पर केवलजुमलेबाज़ी हो रही है, और कृषि क्षेत्र पर योजनाओं के नाम पर भ्रम फैलाया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार ने किसानों से वादे तो बहुत किए, लेकिन हकीकत में उन्हें ठगा है।


1.MSP का झांसा, सच्चाई कुछ और-सरकार ने वादा किया था कि किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना दाम (C2 + 50%) मिलेगा-लेकिन जोMSP घोषित की जा रही है, वो असली लागत से काफी कम है-धान का MSP ₹2369 है, जबकि असली हक़ ₹3135 होना चाहिए था-अरहर(तुअर) का MSP ₹8000 है, जबकि मिलना चाहिए ₹10,259।
2. MSP पर खरीद ही नहीं होती-सरकार ने भले MSP घोषित कर दी हो, लेकिन ज़मीन पर उससे बहुत कम खरीद होती है।
गेहूं की फसल का केवल 23% ही MSP पर खरीदा गया।
मक्का, चना, जौ जैसी फसलों की तो लगभग कोई खरीद ही नहीं हुई।
3. MSP बढ़ी नहीं, महंगाई बढ़ गई-सरकार दावा कर रही है कि धान की कीमत ₹2300 से बढ़कर ₹2369 हो गई।
लेकिन महंगाई दर 6% है, यानी MSP कम से कम ₹2438 होना चाहिए था।
ऊपर से डीजल और खाद की कीमतें भी बढ़ा दी गई हैं।
4. ना MSP की गारंटी, ना टैक्स में राहत-किसानों के लिए जरूरी ट्रैक्टर, मशीनें, उपकरणों पर GST लगता है।
कृषि मंत्रालय खुद कई बार कह चुका है कि GST हटाया जाए, पर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
संसदीय समिति ने यह भी कहा है कि MSP को कानून में शामिल किया जाए, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ।
5. किसानों के नाम पर योजनाएं, पर पैसे खर्च नहीं-सरकार ने खेती के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, पर उनके पैसे खर्च ही नहीं किए।
PM किसान योजना में ₹4 लाख करोड़ में से सिर्फ़ ₹2.34 लाख करोड़ खर्च हुए।
कुल 6 योजनाओं में करीब ₹3 लाख करोड़ बिना खर्च रह गए।
किसानों को उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिल रहा।
MSP की घोषणा होती है, लेकिन खरीद नहीं।
सरकारी योजनाओं के नाम पर आंकड़े दिखाए जाते हैं,लेकिन ज़मीन पर फायदा नहीं पहुंचता I
रणदीप सुरजेवाला ने साफ कहा,किसानों के साथ धोखा हो रहा है, और सरकार सिर्फ जुमलेबाज़ी कर रही है I

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