
राजधानी में बढ़ते अपराध ने डर का माहौल बनाया
दिल्ली, जिसे देश की राजधानी और सुरक्षित शहर माना जाता है, आज अपराध और असुरक्षा का दूसरा नाम बन चुकी है। कांग्रेस विधायक कुलदीपकुमार ने कहा कि बीजेपी की चार इंजनों की सरकार होने के बावजूद राजधानी की कानून व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है। हाल ही में हुई घटनाओं नेसाबित कर दिया है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं और पुलिस तथा प्रशासन किस हद तक नाकाम साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रतापनगर में खुलेआम गोली मारकर दो युवकों की हत्या कर दी गई। पटपड़गंज इलाके में चाकू से हमला कर एक युवक की जान ले ली गई। यहाँ तक किदेश की पहचान और गौरव माने जाने वाले लाल किले के अंदर भी चोरी की घटना हो गई। यह केवल अपराध की घटनाएँ नहीं हैं, बल्कि इस बात काप्रतीक हैं कि अपराधी अब किसी से डरते नहीं और कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
अमित शाह और उपराज्यपाल की भूमिका पर सवाल
कुलदीप कुमार ने सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस सीधे गृह मंत्रालय के अधीन आती है।जब राजधानी में हर रोज हत्या, लूट और चोरी जैसी घटनाएँ हो रही हैं, तो इसका सीधा मतलब है कि सरकार की लापरवाही है। उन्होंने सवाल उठायाकि आखिर गृह मंत्री अपराध रोकने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? उन्होंने उपराज्यपाल (LG) की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा किआज तक एलजी साहब अपने राजभवन से निकलकर किसी थाने का दौरा नहीं करते और न ही हालात का जमीनी जायज़ा लेते हैं। जनता को यहदेखने को मिला है कि जब राजधानी में गंभीर अपराध होते हैं, तो सत्ता में बैठे जिम्मेदार लोग चुप्पी साध लेते हैं।
चार इंजनों की सरकार पर तंज
कुलदीप कुमार ने कहा कि बीजेपी बार-बार दिल्ली में चार इंजनों की सरकार होने का दावा करती है। लेकिन सवाल यह है कि इन चार इंजनों काफायदा जनता को कहाँ मिल रहा है? अगर चार-चार इंजन होने के बावजूद राजधानी असुरक्षित है, तो यह जनता के साथ सबसे बड़ा धोखा है। दिल्लीके लोग अब डर के माहौल में जीने को मजबूर हैं। महिलाएँ, बच्चे और बुज़ुर्ग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे।
अपराधियों की राजधानी बन चुकी है दिल्ली
उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जिस शहर को दुनिया भर से लोग लोकतंत्र और सुरक्षा की मिसाल मानते हैं, उसी शहर को बीजेपी सरकार नेअपराधियों की राजधानी बना दिया है। दिल्लीवासी हर दिन अखबार और टीवी पर नई-नई आपराधिक घटनाएँ पढ़ने और सुनने को मजबूर हैं। यहहालत किसी भी राजधानी के लिए ठीक नहीं है और इससे पूरे देश की छवि खराब हो रही है।
जनता का विश्वास टूट रहा है
कुलदीप कुमार ने कहा कि कानून व्यवस्था कमजोर होने से जनता का विश्वास सरकार और पुलिस से उठता जा रहा है। आम लोग यह महसूस कर रहे हैंकि वे अपराधियों के रहमोकरम पर छोड़ दिए गए हैं। न तो समय पर पुलिस मदद करती है और न ही अपराधियों पर सख्त कार्रवाई होती है। यहीकारण है कि अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
सख्त कार्रवाई की मांग
उन्होंने बीजेपी सरकार से मांग की कि अपराधियों के खिलाफ तत्काल सख्त कदम उठाए जाएँ। दिल्ली पुलिस को जवाबदेह बनाया जाए और उसकीकार्यशैली में सुधार लाया जाए। उन्होंने कहा कि राजधानी में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना केवल एक राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि यह सरकारकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। कुलदीप कुमार ने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते अपराधियों पर नकेल नहीं कसी और कानून व्यवस्था को मजबूतकरने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए, तो दिल्ली में हालात और बिगड़ जाएंगे। राजधानी को अपराधियों से बचाने के लिए सरकार को अपनी जिम्मेदारीनिभानी ही होगी। वरना जनता सड़कों पर उतरकर जवाब मांगने को मजबूर होगी।