
आज केशवपुरम मेट्रो स्टेशन से शुरू हुई भव्य तिरंगा यात्रा ने पूरे इलाके को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल केनेतृत्व में आयोजित इस यात्रा में सेवानिवृत्त सेना अधिकारी, व्यापारी, कामगार, महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी के चेहरों पर तिरंगेके प्रति गर्व और देश के प्रति प्रेम साफ़ झलक रहा था।
ढोल-नगाड़ों और नारों से गूंजा माहौल
यात्रा की शुरुआत केशवपुरम मेट्रो स्टेशन से हुई और मुख्य मार्गों से होती हुई आगे बढ़ी। पूरे रास्ते ढोल-नगाड़ों, शहनाई और बैंड की धुनों के बीचतिरंगे लहराते रहे। सड़कों के दोनों ओर और इमारतों की छतों से लोग हाथ में तिरंगा लिए इस ऐतिहासिक दृश्य का हिस्सा बने। रास्ते में जगह-जगहस्थानीय व्यापारिक संगठनों, आरडब्ल्यूए और नागरिक समूहों ने फूलों की वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। हर दिल में तिरंगा – हर घर तिरंगा, तिरंगाशान भारत की और भारतीय सामान – हमारा स्वाभिमान जैसे नारे पूरे माहौल में जोश भरते रहे।
जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की बड़ी भागीदारी
इस यात्रा में भाजपा केशवपुरम जिला अध्यक्ष अजय खटाना, विधायक तिलकराम गुप्ता, पूनम शर्मा भारद्वाज, निगम पार्षद मीनू गोयल, रवि हंस, किशन बेबाड़, शिखा भारद्वाज सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। भीड़ में बुजुर्ग, युवा और बच्चे – सभी तिरंगे के साथ चल रहेथे।
आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी उत्पादों का संदेश
इस अवसर पर सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह यात्रा केवल राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान का प्रतीक नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मेंचलाए जा रहे भारतीय सामान – हमारा स्वाभिमान अभियान को गति देने का संकल्प भी है। उन्होंने कहा कि यह अभियान सिर्फ आर्थिक पहल नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है जिसमें व्यापारी वर्ग अग्रणी भूमिका निभा रहा है। खंडेलवाल ने बताया किदेशभर के व्यापारी स्वदेशी उत्पादों के प्रचार, स्थानीय उद्योगों को सशक्त बनाने और देश की आर्थिक रीढ़ को मजबूत करने के लिए एकजुट होकरकार्य कर रहे हैं। नागरिक भी अब भारत में बनी वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, और यह यात्रा इसी संकल्प की मिसाल है कि हर घर और हर दुकानपर भारतीय उत्पादों का वर्चस्व स्थापित होगा।
एकता और गर्व का ज्वलंत संदेश
यह तिरंगा यात्रा सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की एकता, गर्व और आत्मनिर्भरता का जीवंत प्रतीक बनी। इसने यह स्पष्ट संदेश दिया किदेशभक्ति केवल नारों तक सीमित नहीं, बल्कि यह हर भारतीय के दिल, कर्म और जीवन का हिस्सा है।
यह वही भावना है जो हर भारतीय को अपने देश, अपनी संस्कृति और अपने उत्पादों पर गर्व करना सिखाती है, और आने वाली पीढ़ियों को स्वाभिमानऔर स्वदेशी की मशाल आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है।