
रविवार को चीन के तियानजिन में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक हुई. इस बैठक में दोनों देशों के संबंधों को बेहतरबनाने पर सहमति बनी. हालांकि कांग्रेस ने केंद्र सरकार की इस कोशिश पर निशाना साधा है और कहा कि चीन के साथ गलवान में हुई हिंसक झड़पके बावजूद चीन के साथ संबंध बेहतर करना इस सरकार का न्यू नॉर्मल है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट मेंलिखा कि प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात का मूल्यांकन, जून 2020 में गलवान घाटी में चीन के साथ हुईहिंसक झड़प में हमारे 20 बहादुर जवानों की कुर्बानी के संदर्भ में होना चाहिए.
दी क्लीन चिट
इसके बावजूद, चीन की आक्रामकता को भुलाते हुए 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को क्लीन चिट दे दी. जयराम रमेश ने लिखा कि’सेना प्रमुख ने लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर यथास्थिति बहाल करने की मांग की थी. लेकिन इसे हासिल करने में विफल रहने के बावजूद मोदीसरकार ने चीन के साथ सुलह की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं, जिससे चीन की उस क्षेत्र में आक्रामकता को अप्रत्यक्ष रूप से वैधता मिल गई. कांग्रेस नेकहा कि उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान की मदद की थी, लेकिन इस नापाकगठजोड़ पर ठोस प्रतिक्रिया देने के बजाय, मोदी सरकार ने इसे नियति मानकर स्वीकार कर लिया और अब चीन को राजकीय दौरों से पुरस्कृत कियाजा रहा है.
सुलह दिशा में बढ़ा रहे है कदम
जयराम रमेश ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जा रहे विशाल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की घोषणा की है, जिसके हमारे उत्तर-पूर्वी राज्यों पर गंभीर प्रभाव पड़ेंगे।लेकिन मोदी सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं बोला गया. जयराम रमेश ने लिखा कि ‘सेना प्रमुख ने लद्दाख में चीन के साथ सीमा परयथास्थिति बहाल करने की मांग की थी. लेकिन इसे हासिल करने में विफल रहने के बावजूद मोदी सरकार ने चीन के साथ सुलह की दिशा में कदमबढ़ा दिए हैं.