
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ‘गांव के मुख्यमंत्री’ की छवि बनाने की जद्दोजहद के तहत हिमाचल में नया प्रयोग कर रहे हैं. वह दुर्गम इलाकों के लोगोंकी समस्याएं सुलझाने के लिए गांव में एक दिन और एक रात का ठहराव करने का अभियान चलाए हैं. डोडरा क्वार से शुरू हुआ उनका यह प्रयासवीते दिनों बागा सराहन तक पहुंच गया. आगे वह माहूंनाग और बड़ा भंगाल जाने की भी योजना बना चुके हैं वह राहुल गांधी की दिखाई राह परचलकर अपने सियासी विरोधियों को भी कड़ा संदेश दे रहे हैं. भाजपा के चंद घंटों में निपट जाने वाले जनमंच से चार कदम आगे चलने की कोशिशकर सीएम ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम में विपक्ष की घेराबंदी कर रहे हैं. डेढ़ साल पहले मुख्यमंत्री ने अर्थव्यवस्था पर जब राहुल गांधी से चर्चा कीतो उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस करने की सलाह दी थी.
सीएम ने की खुद बात जाहिर
क्योंकि हिमाचल की नब्बे फीसदी आबादी गांव में है सीएम ने खुद यह बात जाहिर की थी. हिमाचल के मुख्यमंत्रियों की बात करें तो भाजपा केराष्ट्रीय नेताओं ने शांता कुमार को पानी वाले और प्रेम कुमार धूमल को सड़क वाले मुख्यमंत्री के तमगे दिए. छह बार सीएम रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह कोभी उनके समर्थक विकास पुरुष की संज्ञा देते रहे हैं. अब सुक्खू दुर्गम गांवों में अधिकारियों के साथ दिनरात गुजारकर ग्रामीण हिमाचल के विकास कीनई नींव रख रहे हैं. विकास की सियासत को नई डगर बनाने का निश्चय किया. उन्होंने दुर्गम क्षेत्र डोडरा क्वार से ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम शुरू करग्रामीणों के साथ आम आदमी की तरह दिन-रात चौबीस घंटे बिताने का सिलसिला शुरू किया.
रात्रिभोज और ठहराव है कर चुके
अब तक वह पांच जगहों पर रात्रिभोज और ठहराव कर चुके हैं. मुख्यमंत्री कांग्रेस की गारंटी पर भी विपक्ष को जवाब देते हुए दूरदराज गांवों कीमहिलाओं को चरणबद्ध 1500-1500 रुपये के चेक दे रहे हैं. यही चेक उन्होंने बागा सराहन में थमाए। वह दूध के दाम में दो साल में ही 23 रुपयेबढ़ाने की बात कर इसे ऐतिहासिक बता रहे हैं. गेहूं, जौ, मक्की, हल्दी आदि को न्यूनतम समर्थन मूल्य देकर गांववासियों का ख्याल रखने की भी बातकर रहे हैं इन बातों को उन्होंने बागा सराहन में भी दोहराया.