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ग्वालियर, मध्यप्रदेश: कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने ग्वालियर हाई कोर्ट परिसर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापना के खिलाफ कड़ा विरोधजताया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपनी राय रखी, जिसमें श्री जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, हरीश चौधरी, फूल सिंह बारिया और अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।
मुख्य बिंदु
मूर्ति स्थापना का विरोध और संवैधानिक प्रक्रिया: कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि ग्वालियर हाई कोर्ट परिसर में बाबा साहेब की मूर्ति की स्थापनाबिना कानूनी प्रक्रिया के की जा रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने आंदोलन और जनजागरण का आह्वान करते हुए संवैधानिक लड़ाई लड़ने का संकल्पलिया। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक सही कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाएगा, तब तक वह इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से उठातेरहेंगे।
आरएसएस पर आरोप: कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों के खिलाफ है और उनकीमूर्ति को सिर्फ एक विशेष वर्ग तक सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है। पार्टी ने यह दावा किया कि आरएसएस बाबा साहेब के विचारों कोविकृत करने और उनका वास्तविक योगदान कम करके दिखाने की कोशिश कर रहा है।
राजनीतिक मुद्दा और कोर्ट की भूमिका: कांग्रेस नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) पर आरोप लगाया कि वह बार-बार समाज को भावनात्मकमुद्दों में उलझाकर मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास करती है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से 15 दिन का संरक्षण मिलने की बात भी सामने आई, जिससे मूर्ति स्थापना पर फिलहाल रोक लग गई है। कांग्रेस ने कोर्ट की भूमिका का सम्मान करते हुए इसे कानूनी रास्ते से सुलझाने की आवश्यकताबताई है।
कांग्रेस की स्थिति: कांग्रेस पार्टी ने अपने पक्ष को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों, उनके संविधान निर्माण में योगदान औरसामाजिक न्याय के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पार्टी ने यह भी कहा कि वह हर वर्ग, जाति और धर्म के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए सदैवतत्पर है। कांग्रेस संविधान की रक्षा को अपनी प्राथमिकता मानती है और समाज के हर वर्ग के साथ खड़ी है।
यह मामला न सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और संवैधानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बतायाऔर इसे न सिर्फ कानूनी, बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशिता से जोड़ते हुए राजनीतिक स्तर पर जोरदार तरीके से उठाया है। यह पूरी बहस इसबात की प्रतीक है कि कांग्रेस पार्टी अंबेडकर के विचारों की रक्षा करने के लिए हर स्तर पर खड़ी है।


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