
सुप्रीम कोर्ट ने आज शिवसेना यूबीटी की याचिका पर सुनवाई की. इस याचिका में महाराष्ट्र निकाय चुनाव को देखते हुए पार्टी चुनाव चिन्ह पर जल्दफैसला देने की मांग की गई. शिवसेना यूबीटी की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि अगर एक बार राज्य में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होगई तो फिर चुनाव चिन्ह में बदलाव नहीं हो सकेगा. पहले से ही यह मामला दो साल से लंबित है शिवसेना यूबीटी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की किविवाद को लेकर अंतरिम निर्देश दिए जाएं. अदालत ने दलीलें सुनने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी। अब अदालत 14 जुलाई 2025 को फिर से इसमामले पर सुनवाई करेगी.
शिवसेना दो गुटों में गई बंट
जून 2022 में अविभाजित शिवसेना टूटकर दो गुटों में बंट गई. जिनमें से एक गुट बना एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और दूसरा गुट बना उद्धवठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी. दोनों गुटों ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष बाण पर दावा किया और मामला चुनाव आयोग के पास गया. चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पक्ष में फैसला दिया और उसे असली शिवसेना माना. जिसके बाद शिवसेना का चुनावचिन्ह धनुष बाण एकनाथ शिंदे की शिवसेना को मिला.
सुप्रीम कोर्ट से की अपील
इस फैसले के खिलाफ शिवसेना यूबीटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. बुधवार को सुनवाई के दौरान शिवसेना यूबीटी के वकील देवदत्त कामत नेजस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष दलीलें पेश कीं और पार्टी चिन्ह के मामले पर इस हफ्ते या अगले हफ्ते हीसुनवाई की मांग की. बुधवार को सुनवाई के दौरान शिवसेना यूबीटी के वकील देवदत्त कामत ने जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस के विनोद चंद्रनकी पीठ के समक्ष दलीलें पेश कीं और पार्टी चिन्ह के मामले पर इस हफ्ते या अगले हफ्ते ही सुनवाई की मांग की.यह मामला दो वर्षों से लंबित हैऔर फिलहाल अदालत ने सुनवाई स्थगित करते हुए अगली तारीख 14 जुलाई 2025 तय की है. शिवसेना का यह विवाद जून 2022 से चला आरहा है जब पार्टी दो गुटों—एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे—में बंट गई थी. चुनाव आयोग ने धनुष-बाण चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे के पक्ष में तयकिया था जिसे शिवसेना यूबीटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.