कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कनाडा की मेजबानी में आयोजित होने जा रहे जी-7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी को भी शामिल होने का न्योतादिया है. भारत जी-7 समूह का हिस्सा नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी आमंत्रण स्वीकार कर लिया है और सम्मेलन में जाने की पुष्टि की है. अब इसेलेकर कनाडा के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है. कनाडा के एक वकील और ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के विधायक डलास ब्रोडी ने पीएम मोदी कोजी-7 सम्मेलन में आमंत्रित करने के कनाडा सरकार के फैसले की तारीफ की.डलास ब्रोडी ने कहा कि ‘भारत को जी-7 सम्मेलन में बुलाना एक शानदारखबर है. दोनों देशों के बीच बहुत कुछ एक जैसा है. कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारापीएम मोदी को आमंत्रित किया जाना एक सकारात्मक पहल है. बीते कई वर्षों से दोनों देशों के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं.
भारत के साथ संबंध सुधारने की जरूरत
हमें भारत के साथ संबंध सुधारने की जरूरत है और ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि संबंध सुधरने वाले हैं. कनाडाई विधायक ने कहा कि भारत और कनाडाके नेताओं की मुलाकात से दोनों देशों के संबंध बेहतर होंगे. भारत एक महान देश है और भारत के शिक्षित, शानदार, प्रेरक लोगों और लोकतांत्रिक औरएक विशाल बाजार वाले देश के साथ व्यापार समझौता कनाडा के हित में है.भारत और कनाडा के संबंधों में खटास की वजह कनाडा की पूर्व कीसरकार द्वारा खालिस्तानी कट्टरपंथियों को संरक्षण देना था. जब इसे लेकर ब्रोडी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘खालिस्तानी कट्टरपंथ एकबड़ी समस्या है. इसमें कोई शक नहीं है कि कनाडा में रहने वाले हिंदू और सिख समुदाय के लोग इन हालातों से खुश नहीं हैं. उम्मीद है कि संघीयसरकार और भारत के बीच इस मुद्दे पर बात होगी. ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में भी खालिस्तानी कट्टरपंथ बड़ी समस्या है यह कई लोगों के लिए डरावनाहै और अब समय आ गया है कि इससे सख्ती से निपटा जाए. मुझे उम्मीद है कि दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात में इस मुद्दे पर भी बात होगी.