
सरकार ने जून तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े जारी कर दिए हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश का सकल घरेलू उत्पाद वित्तीयवर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत बढ़ा है. एक साल पहले यह आंकड़ा 6.5 प्रतिशत था सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में यह भी बताया गयाहै कि देश का बजटीय घाटा या राजकोषीय घाटा बढ़कर 29.9% पर पहुंच गया है. अप्रैल-जून में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहीअमेरिका की ओर से विनाशकारी टैरिफ लगाए जाने से पहले बीती पांच तिमाहियों में सबसे अधिक है.
बना हुआ प्रमुख अर्थव्यवस्था
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन केकारण हुई. भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, क्योंकि अप्रैल-जून की अवधि में चीन की जीडीपी वृद्धि 5.2 प्रतिशत थी. आंकड़ों के अनुसार, पिछली उच्चतम जीडीपी वृद्धि 2024 के जनवरी-मार्च में 8.4 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर सेशुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कृषि क्षेत्र में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 2024-25 की अप्रैल-जून अवधि में 1.5 प्रतिशत थी.
अनुमान लगाया था 6.5 प्रतिशत
हालांकि, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि मामूली रूप से बढ़कर 7.7 प्रतिशत हो गई, जबकि एक साल पहले इसीअवधि में यह 7.6 प्रतिशत थी. इस महीने की शुरुआत में, भारतीय रिजर्व बैंक ने 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहनेका अनुमान लगाया था, जिसमें पहली तिमाही 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही 6.3 प्रतिशत थी. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में भारत का राजकोषीय घाटा 4.68 लाख करोड़ रुपये रहा. यह वार्षिक अनुमान का 29.9% है देश का राजकोषीय घाटा पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 17.2% से बढ़कर1.5 लाख करोड़ रुपये हो गया. अप्रैल से जुलाई तक कुल प्राप्तियां 10.95 लाख करोड़ रुपये रहीं। वहीं, कुल व्यय 15.63 लाख करोड़ रुपये रहा. यह चालू वित्तीय वर्ष वर्ष के बजट लक्ष्य का क्रमशः 31.3% और 30.9% है.