
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की गृहराज्य विषयक सक्रियता चर्चा में है. अपने पिता नारायण लाल नड्डा की 100वींजन्मतिथि पर धाम में खूब रौनक बनी. गांव और आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक सरोकार निभाने के बाद शुक्रवार को नड्डा, तीसरी बार प्रदेशाध्यक्ष बनेडा. राजीव बिंदल के साथ पूर्व मुख्यमंत्रियों प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार से उनके घर जाकर मिले. प्रेम कुमार धूमल के मुख्यमंत्रित्व में कैबिनेटमंत्री रहे हैं जेपी नड्डा. इस बार की भेंट 2016 के बाद हुई है। तब बिंदल धूमल के बेहद नजदीक समझे जाते थे. नड्डा लगभग 15 वर्ष पहले हिमाचलकी राजनीति से संगठन में चले गए थे जहां से केंद्र में आए. अब यह मेलमिलाप 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी समझा जा रहा है बिंदल कोसाथ लेकर नया अध्याय लिखने का लक्ष्य यह भी हो सकता है कि प्रदेश भाजपा चुनाव और चुनाव के बाद कुछ बदली हुई दिखे चर्चा है कि राष्ट्रीयअध्यक्ष के रूप में नड्डा का कार्यकाल अब अंतिम दौर में हैं.
चुनावी तैयारियों में उतरना है साफ
इसलिए वह ‘घर’ को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. पिछले चुनाव में उनके अध्यक्ष होते हिमाचल में भाजपा की हार हुई थी. अगले चुनावमें बड़ी जीत मिले इसके लिए उन्होंने अभी से कमर कस ली है अब वह केंद्र में मंत्री हैं. चुनाव में कितना समय मिलता है यह अभी तय नहीं लेकिनसमय का सदुपयोग करते हुए चुनावी तैयारी में उनके उतरने से साफ है कि भाजपा हिमाचल प्रदेश के लिए कुछ नया सोच रही है. हिमाचल दौरे मेंशुक्रवार को इन दो मुलाकातों से साफ संकेत हैं कि भाजपा 2027 के लिए ज्यादा गंभीर है. जब बिंदल प्रदेश अध्यक्ष बने तो उन्होंने कहा था कि2027 में कांग्रेस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना है. 2012 की बात हो या फिर 2022 की जब भाजपा के इन दोनों दिग्गजों का पूरा साथ भाजपाको नहीं मिला तो पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा है.
सत्ता में फिर से आने का काम करना किया आरंभ
जब दोनों का साथ रहा तो जीत मिली है प्रदेश के राजनीतिक जानकारों की मानें तो नड्डा व बिंदल की जोड़ी ने दोनों धुरियों को साथ लाकर 2027 मेंफिर से सत्ता में आने के लिए काम करना आरंभ कर दिया है. 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 43.9, भाजपा को 43, आप को 1.10, निर्दलीय को 10.39, अन्य को 1.2 और नोटा को .59 प्रतिशत वोट मिले थे. भाजपा की हार का अंतर केवल 0.9 प्रतिशत रहा था. तीन विधानसभासीट ऐसी थीं जिन पर भाजपा 400 से भी कम अंतर से हारी थी इनमें भोरंज में 60, सुजानपुर में 399 और शिलाई में 382 वोट शामिल हैं.4 जुलाईको नड्डा ने हमीरपुर के धूमल व पलमपुर के शांता कुमार के आवासों पर उनसे मुलाकात की. बैठक में हिमाचल में जीत की रणनीति पर चर्चा हुईजिसमें नड्डा ने राजीव बिंदल और अन्य स्थानीय विधायकों को साथ रखा.भाजपा को 2022 में कांग्रेस से सिर्फ 0.9% वोटों के अंतर से हार मिली थी. विशेष रूप से भोरंज, सुजानपुर, और शिलाई जैसे तीन सीटों पर हार अंतर 400 वोट से भी कम रहा.