NEWS अब तक

आज भारत उस ऐतिहासिक दिन को मना रहा है, जब दस साल पहले एक दूरदर्शी नेता ने देश को डिजिटल युग में प्रवेश कराया था। प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया डिजिटल इंडिया मिशन आज न केवल भारत को तकनीकी रूप से सशक्त बना चुका है, बल्कि करोड़ों आम लोगों कोभी अधिकार और आत्मनिर्भरता का नया अहसास दिला चुका है।


डिजिटल क्रांतिगांव से लेकर गलियारे तक – डिजिटल इंडिया का सपना केवल डेटा और इंटरनेट तक सीमित नहीं था यह सपना था डिजिटल समानताका।आज गांव की महिलाएं ऑनलाइन कुटीर उद्योग चला रही हैं,युवा अपने मोबाइल पर सरकारी नौकरियों के फॉर्म भर रहे हैं,किसान ऐप पर मंडी केभाव देख रहे हैं,पेंशनधारी बिना लाइन में लगे सीधे खाते में पैसे पा रहे हैं-यह सब संभव हुआ है जनधन-आधार-मोबाइल की ताकत से।


जब ईमानदारी बनती है नीति याद कीजिए वो समय जब देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था सरकार एक रुपया भेजती है, तो जनता तककेवल 15 पैसा पहुंचता है।
आज मोदी युग में 100 पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंच रहा है। बिना बिचौलियों, बिना घोटालों और बिना राजनीतिक दलालों के।


विपक्ष का मॉडल भ्रष्टाचार और परिवारवाद का जाल लेकिन क्या आज पूरा देश इस ईमानदार बदलाव का हिस्सा है? नहीं।
क्योंकि आज भी कुछ राज्य और राजनीतिक दल ऐसे हैं जो पुराने भारत को दोहराना चाहते हैं जहां भ्रष्टाचार नीति है, परिवारवाद नेतृत्व है औरतुष्टिकरण राजनीति का एजेंडा। हिमाचल में एक सरकारी कर्मचारी को राहुल गांधी के करीबी पीटते हैं। कर्नाटक में योजनाओं में लूट चल रही है औरसत्ता की कुर्सी को लेकर अंदरूनी लड़ाई जारी है। जनता की सेवा करने की बजाय ये नेता अपने वंश और वोटबैंक की चिंता में डूबे हैं। इनके लिएयोजनाएं नहीं, घोषणाएं और घोटाले ज़्यादा ज़रूरी हैं।
भारत को तय करना है रास्ता आज भारत के सामने दो मॉडल हैं
मोदी सरकार का मॉडल विपक्ष का मॉडल
डिजिटल ट्रांसपेरेंसी भ्रष्टाचार की राजनीति
डायरेक्ट ट्रांसफर बिचौलियों का बोलबाला
न्यू इंडिया पुराना, फेल हुआ भारत
सेवा और सुशासन सत्ता और स्वार्थ
10 साल बाद, एक सवाल सीधा है


भारत को आगे बढ़ाने के लिए सिर्फ तकनीक नहीं, नीयत और नीति भी चाहिए। डिजिटल इंडिया की 10वीं वर्षगांठ पर यह तय करना जनता का कामहै कि वह उस भारत को चुनती है जो तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, या उस राजनीति को चुनती है जो घोटालों, हमलों और हंगामों में उलझी हुई है।डिजिटल भारत अब रुकने वाला नहीं है। यह मिशन अब केवल मोदी का नहीं, हर भारतीय का है क्योंकि जब डेटा चलता है, तो देश बदलता है।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *