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हर साल 1 जुलाई को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि उन सभी चिकित्सकों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है, जो जीवन और मृत्यु के बीच खड़े होकर हर दिन मानवता की रक्षा करते हैं। इस विशेष अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी केसमर्पित डॉक्टरों को हार्दिक बधाई दी और उनकी निःस्वार्थ सेवा को सच्चे मन से सलाम किया।
प्रेम भाव ही सबसे बड़ा सम्मान है सीएम रेखा गुप्ता ने अपने संदेश में कहा, डॉक्टर्स की सेवा का कोई मोल नहीं चुकाया जा सकता, लेकिन हम उनकेलिए अपने मन से भरे प्रेम और आदर के भाव जरूर अर्पित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर सिर्फ एक प्रोफेशननहीं, बल्कि एक मिशन का हिस्सा हैं। जहां प्राइवेट संस्थान अक्सर संसाधनों और सुविधाओं से परिपूर्ण होते हैं, वहीं सरकारी डॉक्टर्स विकटपरिस्थितियों में भी सेवा का संकल्प नहीं छोड़ते।
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की ज़मीनी सच्चाई – मुख्यमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की स्थिति चिंताजनक रही है।उन्होंने कहा जब मैं पहली बार हॉस्पिटल के हॉस्टलों का निरीक्षण करने गई, तो हालत देखकर हैरान रह गई। इतने सालों तक स्वास्थ्य को सिर्फभाषणों में प्राथमिकता दी गई, ज़मीनी स्तर पर नहीं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में आज भी हर 1000 नागरिकों पर एक बेड तक उपलब्ध नहीं है, औरयह स्थिति देश की राजधानी के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि अब यह हालात बदलेंगे।


कोरोना काल की यादें और डॉक्टरों की वीरता – कोरोना महामारी के दौरान, जब देश भय, अनिश्चितता और संकट में डूबा था, तब दिल्ली के डॉक्टरों नेअपने कर्तव्यों से मुंह नहीं मोड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा पिछली सरकार ने केवल 95 मौतों को रिकॉर्ड में दर्शाया, लेकिन असलियत कहीं अधिक दर्दनाकथी। उन हालात में डॉक्टरों ने दिन-रात एक करके जो सेवा दी, वो इतिहास में दर्ज होनी चाहिए।


अब डॉक्टरों के साथ खड़ी है सरकार – सीएम रेखा गुप्ता ने यह विश्वास दिलाया कि अब दिल्ली के हेल्थ वर्कर्स अकेले नहीं हैं। दिल्ली के डॉक्टरों केलिए अब आपकी अपनी सीएम और सरकार मजबूती से खड़ी है। उन्होंने यह भी बड़ी घोषणा की कि 6 जुलाई को 1500 नर्सों को परमानेंट नियुक्तिपत्र सौंपे जाएंगे। यह फैसला 16 सालों में पहली बार लिया गया है, जो स्वास्थ्य व्यवस्था में स्थायित्व और सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है।


अस्पतालों में बदलाव की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब हर सरकारी अस्पताल में संसाधनों की समीक्षा हो रही है, और उन सभी जरूरी चीज़ों को उपलब्ध कराने पर ज़ोर दिया जारहा है जो एक मानक अस्पताल में होनी चाहिए। इससे डॉक्टरों को काम करने का बेहतर वातावरण मिलेगा और मरीज़ों को अधिक गुणवत्ता वालीसेवाएं।
डॉक्टर सिर्फ इलाज नहीं करते, वे उम्मीद जिंदा रखते हैं,इस डॉक्टर्स डे पर सीएम रेखा गुप्ता का संदेश न सिर्फ एक राजनीतिक बयान है, बल्कि डॉक्टरोंके प्रति उनकी संवेदनशीलता और सम्मान का प्रमाण है। दिल्ली अब एक नई दिशा की ओर बढ़ रही है,जहां सेवा को सैल्यूट, समर्पण को सम्मान औरस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। आज डॉक्टरों को सिर्फ धन्यवाद नहीं, साथ और संरचना की ज़रूरत है-और अब दिल्ली सरकार वहनिभाने को तैयार है।


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