
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में शनिवार को एक बड़ा मोड़ आया लंबे समय बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने एक साथसार्वजनिक मंच साझा किया. यह ‘विजय रैली’ मुंबई के वर्ली इलाके में एनएससीआई डोम में आयोजित की गई, जहां इन दोनों नेताओं ने महाराष्ट्रसरकार की तीन-भाषा नीति को वापस लेने की खुशी में लोगों को संबोधित किया. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा वे भाषा के लिए नहीं, बल्किअपने स्वार्थ के लिए साथ आ रहे हैं. वे अपना खोया हुआ आधार वापस पाने के इरादे से साथ आ रहे हैं. दोनों भाइयों ने देखा कि अलग रहने से नकेवल उनकी ताकत कम हुई बल्कि खत्म भी हो गई. मुझे यकीन नहीं है कि उन्होंने अपने मतभेद सुलझाए हैं. मेरा मानना है कि वे सिर्फ अपनेराजनीतिक फायदे के लिए साथ आए हैं मुझे नहीं लगता कि उनके दिल इतनी जल्दी जुड़ जाते और राजनीतिक मतभेद खत्म हो जाते. अज्ञात लोगों नेमनसे प्रमुख राज ठाकरे के समर्थन में नारे लगाए और शनिवार को मुंबई के वर्ली इलाके में निवेशक सुशील केडिया के कार्यालय में तोड़फोड़ की।केडिया ने राज ठाकरे को चुनौती दी थी और कहा था कि वह मराठी नहीं सीखेंगे. एक्स हैंडल पर उनके पोस्ट को लेकर उन्हें धमकी मिलने के बादउन्होंने पुलिस से संपर्क किया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुछ लोग सुबह केडिया के कार्यालय पहुंचे और पत्थरबाजी की.
मराठी के समर्थन में लगा रहे थे नारे
उन्होंने कहा कि हमलावर मराठी के समर्थन में नारे लगा रहे थे और राज ठाकरे की प्रशंसा कर रहे थे. केडिया ने एक्स पर पोस्ट किया था ‘मैं मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मराठी ठीक से नहीं जानता और आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने यह संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोगों कोमराठी मानुष की देखभाल करने का दिखावा करने की अनुमति दी जाएगी. मैं प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं मराठी नहीं सीखूंगा. क्या करना है बोल?’ मुंबई केवर्ली डोम में संयुक्त रैली में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे, एनसीपी-एससीपी सांसदसुप्रिया सुले, एनसीपी-एससीपी नेता जितेंद्र अव्हाड और अन्य उपस्थित थे.शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और पार्टी नेता आदित्य ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे और पार्टी नेता अमित ठाकरे भी मंच पर मौजूद थे. जहां दोनों पार्टियां महाराष्ट्र सरकारद्वारा हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पेश करने के दो सरकारी प्रस्तावों को रद्द करने के बाद एक संयुक्त रैली कर रही थीं. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुखउद्धव ठाकरे ने कहा हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं. महाराष्ट्र सरकार द्वारा हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के लिए दो सरकारी प्रस्तावोंको रद्द करने के बाद, उद्धव ठाकरे गुट (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) मुंबई के वर्ली डोम में एक संयुक्त रैली कर रहे हैं. राज ठाकरेने कहा चाहे गुजराती हो या कोई और उसे मराठी आनी चाहिए. लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की जरूरत नहीं है.
सरकारी प्रस्तावों को किया रद्द
दरअसल अगर कोई बेकार का ड्रामा करता है तो आपको उसके कान के नीचे मारना चाहिए. मैं आपको एक और बात बताता हूं अगर आप किसी कोपीटते हैं तो घटना का वीडियो न बनाएं पीटे गए व्यक्ति को बताएं कि उसे पीटा गया है. आपको हर किसी को यह बताने की जरूरत नहीं है कि आपनेकिसी को पीटा है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा मैंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरा महाराष्ट्र किसी भीराजनीति और लड़ाई से बड़ा है। आज 20 साल बाद मैं और उद्धव एक साथ आए हैं. जो काम बालासाहेब नहीं कर पाए वो देवेंद्र फडणवीस ने किया. हम दोनों को साथ लाने का काम. वीडियो मुंबई के वर्ली डोम से है जहां उद्धव ठाकरे गुट (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता एकसंयुक्त रैली कर रहे है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पेश करने के लिए दो GR को रद्द कर दिया है.शिवसेना (UBT) औरमहाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) द्वारा संयुक्त रैली के दौरान भाईयों, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी. महाराष्ट्रसरकार ने हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के लिए दो सरकारी प्रस्तावों को रद्द कर दिया है.