
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. उनके भाषण के दौरान पूरी संसद तालियों कीगड़गड़ाहट से गूंज उठी. सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर लगातार तालियां बजाईं. सांसदों ने 28 बार तालियां बजाईं जिससे 23 बार पीएममोदी को भाषण के बीच में रुकना पड़ा. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा’मैं इस प्रतिष्ठित रेड हाउस में आपसे बात करने वाला पहला भारतीयप्रधानमंत्री बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. इस ऐतिहासिक लाल इमारत ने स्वतंत्रता और सम्मान के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों केसंघर्ष और बलिदान को देखा है. उन्होंने कहा कि हमारे दोनों राष्ट्र औपनिवेशिक शासन से उभरे और साहस को अपनी स्याही, लोकतंत्र को अपनीकलम के रूप में इस्तेमाल करते हुए अपनी कहानियां लिखीं.
शक्ति के स्तंभ के रुप में है खड़े
आज दोनों देश आधुनिक दुनिया में गौरवशाली लोकतंत्र और शक्ति के स्तंभ के रूप में खड़े हैं. उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र सिर्फ एक राजनीतिकव्यवस्था नहीं है हमारे लिए यह जीवन जीने का एक तरीका है. हमारी हजारों साल की महान विरासत है आपकी संसद में भी कुछ ऐसे सदस्य हैं. जिनकेपूर्वज भारत के बिहार राज्य से आए थे. पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत में वीमेन लेड डेवलपमेंट का एक नया मॉडल विकसित कर रहे हैं. अपनीजी20 की अध्यक्षता के दौरान भी इस मॉडल की सफलता को हमने पूरी दुनिया के सामने रखा है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से लेकर खेल तक, स्टार्टअप से लेकर विज्ञान तक, शिक्षा से लेकर उद्यमिता तक, विमानन से लेकर सशस्त्र बलों तक, वे विभिन्न क्षेत्रों में भारत को एक नए भविष्य कीओर ले जा रहे हैं. आपकी तरह एक महिला साधारण पृष्ठभूमि से उठकर हमारी राष्ट्रपति बनी. दो साल पहले भारतीय संसद ने एक ऐतिहासिक कदमउठाया, जिसमें संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया.
त्रिनिदाद एंड टोबैगो से किया सम्मानित
उन्होंने कहा आज सुबह राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने मुझे देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ सेसम्मानित किया. मैं इसे 1.4 अरब भारतीयों की ओर से विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं. उन्होंने कहा आज सुबह राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने मुझे देशके सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया. मैं इसे 1.4 अरब भारतीयों की ओर सेविनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने विकास को दूसरों के प्रति जिम्मेदारी के रूप में देखता है। इसी भावना के साथ हमत्रिनिदाद और टोबैगो के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। हमारा व्यापार बढ़ता रहेगा. हम व्यवसायों को इस देश में और अधिक निवेश करनेके लिए प्रोत्साहित करेंगे। हमारी विकास साझेदारी का विस्तार होगा.कॉउवा में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने कहा: “आपके पूर्वजों ने गंगा-यमुनाछोड़ी, लेकिन रामायण आपके दिल में साथ लिया”, यह उनके साहस और मूल्यों का सम्मान था हिंदू-भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया, जबकि देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन Anjuman Sunnat-ul-Jamaat Association (ASJA) ने मोदी की मानवाधिकार नीतियों पर चिंताजताई गुजरात दंगों और कश्मीर मुद्दों का हवाला दिया.