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दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून ने पहलगाम आतंकी हमले और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता जाहिर की. उन्होंनेकहा कि उनका देश भारत सरकार और भारत के लोगों के साथ खड़ा है. एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में चो ह्यून ने कहा कि दक्षिण कोरियाआतंकवाद के सख्त खिलाफ है. उन्होंने कहा’हम इस मुद्दे पर बहुत सख्त और दृढ़ हैं हम किसी भी आतंकवादी हमले के सख्त खिलाफ हैं हम भारतसरकार और भारत के लोगों के साथ खड़े हैं. भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था. 22 अप्रैल को पहलगामहमले में आतंकियों ने 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी. जवाब में भारत 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसमें सैकड़ों आतंकियों कोढेर कर दिया गया था. भारत ने पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए. भारत ने पाकिस्तान के हर दुस्साहस का जवाब दिया.

हुए है और भी अच्छे बदलाव
उसके हर हमले को नाकाम किया और उसके हवाई ठिकानों पर बमबारी की. इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चो ह्यून के साथ द्विपक्षीय बैठककी. उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले की दक्षिण कोरिया की ओर से निंदा के लिए आभार व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि बाद मेंसियोल गए भारत के संसदीय प्रतिनिधिमंडल की बहुत अच्छी बैठकें हुईं. जयशंकर ने कहा, ‘मैं 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले कीदक्षिण कोरिया की ओर से निंदा के लिए आभार व्यक्त करना चाहता हूं. इस तथ्य के लिए भी कि जब हमारा संसदीय प्रतिनिधिमंडल सियोल गया, तोमुझे लगता है कि उनकी बहुत अच्छी बैठकें हुईं, आपने स्वयं उनसे मिलने का प्रयास किया, यह ऐसी बात है जिसकी हम सराहना करते हैं.
चो ह्यून ने कहा कि शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी अच्छी बैठक हुई. उन्होंने 2015 से 2017 तक दिल्ली में राजदूत के रूप मेंअपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। पिछले 10 वर्षों में और भी अच्छेबदलाव हुए हैं.

दिल्ली आकर लग रहा है अच्छा
चो ह्यून ने कहा कि दिल्ली वापस आकर बहुत अच्छा लग रहा है. जब वह लगभग 10 साल पहले इस शहर में आए थे, तो भारत की संस्कृति कीगहराई देखकर अभिभूत हो गए थे. मुझे भारत में कोरियाई राजदूत के रूप में सेवा करने पर बहुत गर्व है. इस दौरान मैंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व मेंभारत में हुए महत्वपूर्ण बदलावों को देखा. अब मैं पिछले 10 वर्षों में हुए और भी अच्छे बदलावों को देख रहा हूं. इसलिए मुझे यहां वापस आकर औरअपने दोस्तों से मिलकर बहुत खुशी हो रही है. चो ह्यून ने याद किया कि जब उन्होंने राजदूत के रूप में कार्य किया था, तब उनकी मुलाकात एसजयशंकर से हुई थी, जो 2015-18 तक विदेश सचिव के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधोंको बढ़ाने के तरीकों की खोज की. उन्होंने कहा, ‘यह एक अच्छी बैठक थी। जब मैं यहां था और वह विदेश सचिव थे, तब मैं उनसे मिलता था. चो ह्यूनने कहा, ‘आज हमने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और अपने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया. साथ ही हमारे देशों केसामने मौजूद भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक चुनौतियों के समाधान पर भी चर्चा की.

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