
नई सोच और तकनीक के माध्यम से दिल्ली में स्वच्छ हवा का लक्ष्य
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आज डीपीसीसी नवाचार चुनौती का उद्घाटन किया। यह पहल राजधानी की हवा को और स्वच्छबनाने और पुराने वाहन, निर्माण स्थलों और उद्योगों से निकलने वाले छोटे और बड़े धूल-कणों को कम करने के लिए शुरू की गई है। दिल्ली सरकारका उद्देश्य है कि नई तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से हवा की गुणवत्ता में सुधार हो और हर नागरिक स्वस्थ जीवन जी सके। सिरसा ने कहा किपिछले दस वर्षों में दिल्ली ने सबसे अधिक साफ हवा वाले दिन देखे हैं, लेकिन उनका लक्ष्य है कि राजधानी में हर दिन स्वच्छ हवा दिवस मनायाजाए। इसके लिए केवल नियमों और आदेशों का पालन पर्याप्त नहीं है, बल्कि प्रभावशाली तकनीकी समाधान और नवाचार की भी आवश्यकता है।उन्होंने बताया कि इस बार दिल्ली ने हर नवाचारक के लिए अपने द्वार खोल दिए हैं। चाहे वह छोटे व्यवसाय, शोध संस्थान, प्रौद्योगिकी संस्थान याबड़ी कंपनियाँ हों, यदि किसी के पास तैयार तकनीक है जो जमीन पर काम कर सके और हवा में वास्तविक प्रभाव डाल सके, तो उसका स्वागत कियाजाएगा।
पारदर्शी और वैज्ञानिक मूल्यांकन प्रक्रिया
मंत्री ने बताया कि मूल्यांकन पूरी तरह पारदर्शी और वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। प्रक्रिया तीन चरणों में होगी। पहले डीपीसीसी द्वारा प्रारंभिकचयन, फिर स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण और निरीक्षण, और अंत में राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं द्वारा प्रमाणन। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है किकेवल वही तकनीक आगे बढ़े जो वास्तविक परिस्थितियों में प्रभावी, टिकाऊ और लागत में सस्ती हो।
पुरस्कार और प्रोत्साहन राशि से बढ़ावा
डीपीसीसी नवाचार चुनौती में सफल परियोजनाओं को पुरस्कार और प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। दूसरे चरण तक सफल परियोजनाओं को पाँच लाखरुपये की सहायता प्रदान की जाएगी, जबकि राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं द्वारा प्रमाणित और सरकारी अनुशंसा प्राप्त परियोजनाओं को पचास लाख रुपयेतक का प्रोत्साहन मिलेगा। मंत्री ने कहा कि यह राशि केवल पुरस्कार नहीं है, बल्कि दिल्ली में तकनीकों को लागू करने और प्रदूषण कम करने केप्रयासों को बढ़ावा देने का माध्यम भी है।
सभी नवाचारकों के लिए खुला अवसर
सिरसा ने कहा कि यह चुनौती केवल तकनीक की पहचान तक सीमित नहीं है। यह पूरी तरह खुली चुनौती है और इसमें कोई भी हिस्सा ले सकता हैचाहे वह व्यक्ति, छोटे व्यवसाय, शोध संस्थान, विश्वविद्यालय या बड़ी कंपनी हो। उन्होंने बताया कि हर समाधान, चाहे वह सड़कों की कोटिंग हो, वाहन उत्सर्जन कम करने वाला यंत्र हो या उद्योगों से निकलने वाले धूल कणों को कम करने का कोई उपाय, यदि धरातल पर असर दिखा सके, तोउसे अपनाया जाएगा।
दिल्लीवासियों के लिए स्वच्छ हवा और बेहतर स्वास्थ्य का अधिकार
मंत्री ने कहा कि दिल्ली ने साफ हवा के दिन केवल निगरानी और नियमों के पालन से नहीं, बल्कि नई सोच और प्रभावी तकनीक के माध्यम से हासिलकिए हैं। इस पहल का उद्देश्य दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना और राजधानी में हवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। उन्होंने सभीनवाचारकों और संस्थाओं से अपील की कि वे अपने सुझाव और समाधान 31 अक्टूबर 2025 तक डीपीसीसी की वेबसाइट पर जमा करें। सफलतकनीकों को प्रारंभिक परीक्षण के बाद पूरे शहर में लागू किया जाएगा।डीपीसीसी नवाचार चुनौती से यह संदेश दिया गया है कि स्वच्छ और स्वस्थहवा हर नागरिक का अधिकार है, और इसके लिए सरकार, तकनीक, नवाचार और जनता के सहयोग को साथ लेकर चल रही है। यह पहल राजधानीमें बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।