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दिल्ली के पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने की अनुमति देने के उपराज्यपाल के नोटिफिकेशन के खिलाफ दिल्ली में वकीलोंकी हड़ताल जारी है. इसी बीच बड़ी खबर सामने आई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हड़ताल कर रहे वकीलों से बातचीत करेंगे. दिल्ली पुलिस कीओर से जानकारी देकर बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री बार के प्रतिनिधियों से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. सभी हितधारकों की बात सुनने केबाद ही अधिसूचना को जमीनी स्तर पर उतारा जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि आज गुरुवार को दिल्ली में वकीलों की हड़ताल का छठा दिन है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गवाही देने की अनुमति देने के उपराज्यपाल के नोटिफिकेशन के खिलाफ वकीलों ने अपना गुस्सा सड़कों पर निकाला. वहीं, बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में वकीलों ने एलजी का पुतला फूंका और नारे लगाए.

रेड लाइट पर लगा दिया जाम
निचली अदालतों के वकीलों के पक्ष में दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन जताते हुए बुधवार को काम के दौरान वकीलों कोकाली पट्टी पहनने का आह्वान किया. वहीं, बुधवार को हुई कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक में हड़ताल को बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भी जारी रखनेका निर्णय लिया गया. नई दिल्ली बार एसोसिएशन के सचिव तरुण राणा ने कहा कि शुक्रवार दोपहर 12 बजे उपराज्यपाल भवन के बाहर सभी बारएसोसिएशनों के वकील प्रदर्शन करेंगे. बुधवार को तीस हजारी, रोहिणी, कड़कड़डूमा, द्वारका, साकेत, राउज एवेन्यू और पटियाला हाउस जिलाअदालतों में कोई सुनवाई नहीं हुई. जमानत याचिकाएं, गवाही और क्रॉस-एग्जामिनेशन (जिरह) समेत कई महत्वपूर्ण मामले स्थगित कर दिए गए. फरियादी और उनके परिवार वाले अदालत परिसरों के बाहर भटकते नजर आए. वकीलों की अनुपस्थिति के चलते उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी. अदालत परिसरों के बाहर वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किए. वकीलों ने बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सड़कों पर प्रदर्शन किया. कड़कड़डूमाकोर्ट के वकीलों ने कृष्णा नगर रेड लाइट पर जाम लगा दिया था.

अलग- अलग तरीके से किया विरोध प्रदर्शन
लगभग दिल्ली की सभी निचली अदालतों में वकीलों ने न्यायिक बहिष्कार के तहत अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन किया. वकीलों ने कोर्टपरिसर में पुलिस और सरकारी वकीलों समेत ईडी, सीबीआई और नायब कोर्ट को प्रवेश नहीं करने दिया. कड़कड़डूमा कोर्ट के वकील प्रदीप चौहान नेबताया कि यह नोटिफिकेशन जनता के खिलाफ है. हड़ताल के चलते पब्लिक प्रॉसिक्यूटर्स, ईडी और सीबीआई के अधिकारी भी कोर्ट में नहीं पहुंचे. कई हिरासत संबंधी जरूरी मामले ही सुने गए, लेकिन अधिकांश ट्रायल स्थगित हो गए हैं. उन्होंने बताया, नोटिफिकेशन न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्षसुनवाई के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि यह नोटिफिकेशन 15 जुलाई 2024 के केंद्रीय गृह मंत्रालय के सर्कुलर का उल्लंघन करता है. थाने कोडेजिग्नेटेड प्लेस बनाना पुलिस को अतिरिक्त शक्ति देगा, जहां क्रॉस-एग्जामिनेशन प्रभावी नहीं हो सकेगा हमारी हड़ताल फरियादियों के हित में है.

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