
दिल्ली के व्यापारिक वर्ग के लिए एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी पहल करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने “दिल्ली व्यापारी कल्याण बोर्ड” के गठनकी घोषणा की है। सरकार के मात्र चार महीने के कार्यकाल में यह बड़ा और दूरदर्शी कदम, सरकार की व्यापारियों के प्रति प्रतिबद्धता औरसंवेदनशीलता का प्रमाण है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रेस वार्ता में कहा, यह बोर्ड दिल्ली के व्यापारियों की आवाज़ बनेगा। अब तक ऐसा कोई मंचनहीं था जहाँ व्यापारी वर्ग संगठित होकर अपनी समस्याएं रख सके। हम उन्हें अब एक सशक्त मंच दे रहे हैं।
क्या है दिल्ली व्यापारी कल्याण बोर्ड? – यह बोर्ड एक वैधानिक निकाय होगा, जिसे सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत पंजीकृत कियाजाएगा। इसका गठन व्यापारिक हितों की रक्षा, कल्याण योजनाओं का संचालन और समस्याओं के समाधान के लिए किया गया है। मुख्यमंत्री नेबताया कि यह सिर्फ एक राजनीतिक घोषणा नहीं, बल्कि एक व्यावहारिक और स्थायी ढांचा है, जो दिल्ली के लाखों व्यापारियों के जीवन को बेहतरबनाएगा।
फंडिंग और कार्ययोजना- रेखा गुप्ता ने जानकारी दी कि दिल्ली सरकार ने इस बोर्ड के लिए पहले ही ₹10 करोड़ का ट्रेडर्स वेलफेयर फंड बजट मेंनिर्धारित कर दिया है। यह राशि निम्नलिखित कार्यों में उपयोग की जाएगी.
व्यापारियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं (Welfare Schemes) –
मेंटॉरशिप प्रोग्राम्स और कौशल विकास, व्यापारिक सहायता पोर्टल का निर्माण, ग्राउंड-लेवल समस्याओं का समाधान यह फंड सिर्फ कागज़ों में नहींरहेगा, बल्कि ज़मीन पर दिखेगा — इससे योजनाएं चलेंगी, समाधान निकलेगा और व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा, – रेखा गुप्ता ईज़ ऑफ डूइंगबिज़नेस की दिशा में एक और कदम – मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार “Ease of Doing Business” को लेकर गंभीर है और अबSingle Window System की दिशा में तेज़ी से कार्य हो रहा है।
हम दिल्ली में व्यापार करना आसान बनाएंगे — कम फॉर्म, कम चक्कर, ज़्यादा सहूलियत, उन्होंने जोड़ा।
राजनीति नहीं, प्रतिबद्धता की मिसाल – मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि यह कोई चुनावी वादा या राजनीतिक नौटंकी नहीं है, बल्कि यह सरकारकी संवेदनशीलता और व्यापारिक समुदाय के योगदान को सम्मान देने का प्रयास है।
दिल्ली व्यापारी कल्याण बोर्ड के गठन के साथ ही राजधानी के व्यापारियों को एक सशक्त मंच और संरचना मिल गई है, जो वर्षों से उनकी मांग रहीहै। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के इस फैसले को व्यापारिक जगत ने बेहद सकारात्मक कदम बताया है। यह पहल न केवल व्यापारियों को मजबूती देगी, बल्कि दिल्ली की आर्थिक रीढ़ को और मज़बूत करेगी।