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दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने गुरुवार को निजामुद्दीन स्थित रैन बसेरा (रात्रि आश्रय केंद्र) का औचक निरीक्षण किया। यह रैन बसेरा उनयोजनाओं का हिस्सा है जिन्हें दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) के माध्यम से संचालित किया जाता है। इनका उद्देश्य बेघर और आर्थिकरूप से कमजोर नागरिकों को सुरक्षित, सम्मानजनक और मुफ्त रात्रि आश्रय प्रदान करना है। रैन बसेरे में आमतौर पर बिस्तर, कंबल, पीने का पानी, शौचालय और कुछ मामलों में भोजन जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। लेकिन मंत्री के निरीक्षण के दौरान इन व्यवस्थाओं की पोलखुलती नजर आई।


अव्यवस्थाओं पर मंत्री आशीष सूद ने जताई सख़्त नाराज़गी- निरीक्षण के दौरान मंत्री आशीष सूद ने पाया कि रैन बसेरे की स्थिति बेहद खराब है।सफाई व्यवस्था न के बराबर थी, और मरीजों से ही सफाई का कार्य करवाया जा रहा था। इतना ही नहीं, सरकार द्वारा हर मरीज से ₹6000 रुपएसफाईकर्मी के नाम पर लिए जाने की बात भी सामने आई, जिससे मंत्री ने कड़ा ऐतराज जताया।
मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा यह अत्यंत शर्मनाक है कि जिन लोगों को सरकार की सहायता की सबसे अधिक आवश्यकता है, उन्हेंइस प्रकार की बदहाल व्यवस्था में रखा जा रहा है। ऐसे केंद्रों का उद्देश्य बेघरों को सहारा देना है, शोषण करना नहीं।


अफगान नागरिक की उपस्थिति पर रखी गई विशेष निगरानी – निरीक्षण के दौरान एक अफगान नागरिक, मोहम्मद सादिक भी रैन बसेरे में पाए गए।बातचीत में उन्होंने बताया कि वे पिछले 40 वर्षों से भारत में रह रहे हैं, और पिछले तीन वर्षों से इस रैन बसेरे में ठहरे हुए हैं। उनका परिवार अब भीअफगानिस्तान में रहता है। उनकी स्थिति को गंभीर मानते हुए मंत्री आशीष सूद ने अधिकारियों को उन पर विशेष निगरानी रखने और उनके दस्तावेजोंकी जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सरकार से अपेक्षित है त्वरित कार्रवाई – इस पूरे निरीक्षण के बाद मंत्री ने आश्वासन दिया कि रैन बसेरे में पाई गई अव्यवस्थाओं पर जल्द कार्रवाई कीजाएगी। उन्होंने DUSIB को निर्देश दिया कि साफ़-सफ़ाई, भोजन, और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार सुनिश्चित किया जाए और ऐसेकेंद्रों की नियमित निगरानी की जाए। रैन बसेरों का उद्देश्य केवल एक छत देना नहीं है, बल्कि एक गरिमामय जीवन की बुनियादी शुरुआत करना भीहै।

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