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पूर्व एनसीबी जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की बहन यास्मीन वानखेड़े ने एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक को पुलिस द्वारा दी गई क्लीन चिटको चुनौती दी है. उन्होंने बुधवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट में एक विरोध याचिका दाखिल की है इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनकी मानहानिशिकायत की जांच निष्पक्ष ढंग से नहीं की. साथ ही अपनी विरोध याचिका में उन्होंने दावा किया कि पुलिस की क्लीन चिट आरोपी व्यक्ति केआचरण को उचित ठहराने का प्रयास है, जो कानून के प्रावधानों के विपरीत है. यास्मीन वानखेड़े ने दावा किया कि ऐसा लगता है कि पुलिस की जांचमहाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक द्वारा प्रभावित ही नहीं की गई बल्कि काफी हद तक उनके द्वारा निर्देशित की गई है.

पुलिस ने मलिक को क्लीन चिट
2021 में दायर अपनी शिकायत में, यास्मीन वानखेड़े ने दावा किया था कि नवाब मलिक ने उनके और परिवार के खिलाफ झूठे, अपमानजनक वसनसनीखेज आरोप ट्वीट्स और टीवी इंटरव्यू में लगाए जिसके बाद बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 202 केतहत उनके आरोपों की जांच का आदेश दिया था और पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया. जिसके बाद अदालत को सौंपी गई अपनी रिपोर्टमें पुलिस ने मलिक को क्लीन चिट दे दी.

परिवार से कोई निजी वैमनस्य
अपनी रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया नवाब मलिक के खिलाफ संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध का कोई सबूत नहीं है पुलिस ने अपनी रिपोर्ट मेंमलिक को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्होंने बयान पार्टी प्रवक्ता के नाते दिए थे और उनका वानखेड़े परिवार से कोई निजी वैमनस्य नहीं है. मलिक नेपुलिस को बताया कि यास्मीन वानखेड़े के प्रति उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है. पुलिस के इस दावे पर यास्मीन ने आपत्ति जताई कि रिपोर्टआरोपी के आचरण को सही ठहराने की कोशिश करती है उन्होंने कहा कि प्रवक्ता होने का अधिकार निजी तस्वीरों के दुरुपयोग और उन्हें सार्वजनिककरने की अनुमति नहीं देता इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.

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