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नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा है कि वह उचित समय पर भारत की यात्रा करेंगे और उनकी यात्रा को लेकर दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर कामकर रहे हैं. उन्होंने अपनी भारत यात्रा के समय के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. ओली की यह टिप्पणी स्थानीय मीडिया द्वारा लगाई जा रही उनअटकलों के बीच आई है कि ओली को नई दिल्ली से आधिकारिक यात्रा के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है. ओली ने बृहस्पतिवार देर रात नेपालीयूट्यूब चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा, मैं संभवतः भारत की यात्रा पर जाऊंगा. मेरी भारत यात्रा दोनों पक्षों की ओर से आवश्यक जमीनी कार्यपूरा करने के बाद होगी. ओली ने गत वर्ष जुलाई में चौथी बार प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला था.

अटकलों को किया खारिज
उन्होंने प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद पहली विदेश यात्रा पर भारत जाने की परंपरा को तोड़ते हुए चीन जाने का फैसला किया. ओली ने उन सभीअटकलों को खारिज किया कि भारत उन्हें पसंद नहीं करता है. उन्होंने कहा, जब मैं पीएम बना, तो भारत ने कुछ भी गलत नहीं किया. एक अलग संदर्भमें ओली ने कहा, भारत और चीन, दोनों के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं. दोनों ही उभरती हुई आर्थिक शक्तियां हैं और हमारे लिए फायदेमंद हैं।बता दें कि हाल ही में ओली ने भगवान श्रीराम के जन्म को लेकर बयान दिया था. उन्होंने दावा किया कि महर्षि वाल्मीकि रचित मूल रामायण केमुताबिक राम का जन्मस्थान नेपाली सीमा क्षेत्र में है। लोगों को इस बात को प्रचारित करने में डर या झिझक महसूस नहीं करनी चाहिए. बता दें किपांच साल पहले भी ओली ने ऐसे ही बयान दिए थे.

पार्टी के लोग हो गए था नाराज
जिसके कारण उनकी अपनी ही पार्टी के लोग नाराज हो गए थे. उन्होंने दावा किया है कि भगवान शिव और महर्षि विश्वामित्र भी नेपाल से हैं. नेपाल केप्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्ते और अपने संभावित दौरे को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सही समय पर वे भारतयात्रा जरूर करेंगे. ओली ने कहा, पीएम मोदी संभवत: नवंबर में नेपाल आएंगे। उन्होंने भारतीय समकक्ष को निमंत्रण भेजा है. नेपाल के प्रधानमंत्री केपीशर्मा ओली ने कहा है कि वे “उचित समय” पर भारत यात्रा करेंगे। फिलहाल दोनों देशों के अधिकारी इस यात्रा की तैयारियों में लगे हुए हैं. यह यात्राओली की चौथी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली भारत यात्रा होगी. उन्होंने पुष्टि की है कि पीएम नरेंद्र मोदी को नवंबर में नेपाल आने काऔपचारिक निमंत्रण भेजा गया है. मीडिया की अटकलों को उन्होंने खारिज किया और भारत से अच्छे रिश्तों की बात दोहराई। वे स्पष्ट रूप से कहते हैंकि तोड़-फोड़ की कोई बात नहीं है. बल्कि सहयोग की दिशा में कूटनीतिक समझदारी बरती जा रही है. प्रधानमंत्री ओली ने अब तक भारत की यात्राका समय खुलासा नहीं किया है—वे चाहते हैं कि व्यवस्थाएं पूर्व निर्धारित हों.

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