
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आज तीस हजारी कोर्ट में हड़ताल कर रहे वकीलों से मिले और कहा कि दिल्ली के वकीलों कीहड़ताल एक मजबूत मुद्दे को लेकर है जिसके हम साथ खड़े है. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों की कोर्ट में बिना मौजूदगी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग केद्वारा पुलिस थानों से गवाही की इजाजत देना कहीं न कहीं न्याय प्रक्रिया में दखलअंदाजी और दोषियों को बचाने की कार्यवाही का अंदेशा हो सकताहै क्योंकि पुलिस के रवैये और कार्यशैली पर हमेशा प्रश्नचिन्ह लगते आए हैं. देवेन्द्र यादव का तीस हजारी कोर्ट में हड़ताल पर बैठे वकीलों से मिलनेके कार्यक्रम आयोजन दिल्ली कांग्रेस के लीगल और ह्यूमन राइट के चेयरमैन एडवोकेट सुनील कुमार ने अपनी टीम के साथ किया था। इस मौके परकम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज और आर्ब्जवर त्रिलोक चौधरी, एडवोकेटों में पूर्व सचिव अतुल शर्मा, श्री विरेन्द्रकसाना, ए.वी. शुक्ला, प्रद्यूमन सिंह पेडी, मौ0 रहीस फारुखी, शेख इमरान आलम, दीपक शर्मा, रमित सेहरावत, क्षितिज शर्मा, विक्रम दुआ, लोकेन्द्रचौधरी, सतीश सौलंकी, राजेश टांक, मेघा सेहरा, हिमांशु खारी, आनन्द चौधरी, भी मौजूद थे.
आदेश को करवाया जाए तुरंत वापिस
देवेंद्र यादव ने 25-08-2025 को दिल्ली के उपराज्यपाल को चिठ्ठी लिखकर मांग कि की दिल्ली सरकार 13-08-2025 के काले क़ानून रूपीआदेश को तुरंत वापिस करवाया जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में ज़िला अदालतों के वकील पिछले कई दिनों से हड़ताल पर हैं क्योंकि दिल्ली सरकारने 13-08-2025 के आदेश के द्वारा पुलिस अधिकारीयों की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये थानों से करने की इजाज़त दे दी जो कि न्यायप्रक्रिया में दखलअंदाज़ी है. देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा सरकार वकीलों के साथ दोहरी नीति अपना रही है जबकि वकील सबके हित और सेवा केलिए काम करते है लेकिन अगर उनके अधिकार या कानूनी प्रक्रिया से छेड़छाड़ की बात आती है तो सरकार को वकीलों के सामने झुक कर उनके हकमें निर्णय लेना पड़ता है क्योंकि वकील अपनी एकता के लिए देश भर में जाने जाती है. देवेंद्र यादव ने वकीलों को भरोसा दिया के कांग्रेस पार्टी बिनाशर्त वकीलों की मांगों का समर्थन करती है और वकीलों की इस लड़ाई में उनके साथ खड़ी हैं.