कांग्रेस नेता और पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने हाल ही में एक ज़ोरदार प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों औरकार्यशैली पर खुलकर सवाल उठाए। उनका यह संबोधन केवल राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि एक ज़िम्मेदार नागरिक की चिंता भी उसमेंझलक रही थी।
खेड़ा ने कहा कि देश में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं, जिनमें हमारे जवान और आम नागरिक मारे जा रहे हैं। इसके बावजूद सरकार की ओर से न तोकोई ठोस कार्रवाई दिख रही है और न ही कोई भरोसेमंद जवाब। उन्होंने पूछा — “आख़िर कब तक सरकार चुप रहेगी?” यह सिर्फ राजनीति का विषयनहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मामला है।
विदेश नीति को लेकर खेड़ा ने सरकार की कड़ी आलोचना की। उनका कहना था कि भारत की विदेश नीति कभी दुनिया में सम्मान की दृष्टि से देखीजाती थी, लेकिन अब यह सोशल मीडिया के ट्रेंड्स और ट्रोल्स पर आधारित हो गई है। उन्होंने सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह गंभीर कूटनीतिनहीं, बल्कि “लाइक्स और वायरल पोस्ट्स” के हिसाब से फैसले ले रही है।
खेड़ा ने साफ़ कहा कि विपक्ष सवाल पूछता है, ताकि सरकार जवाबदेह रहे। लेकिन संसद में जब विपक्ष सवाल उठाता है, तो उसे “देशद्रोही” कहाजाता है। उन्होंने याद दिलाया कि पुलवामा हमले के समय भी कांग्रेस ने सरकार की आलोचना नहीं की थी, बल्कि सेना के साथ खड़ी रही थी। लेकिनअब सवाल पूछना भी सरकार को पसंद नहीं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मौजूदा राजनीति पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आज की सरकार प्रचार, चुनाव और ट्रोलिंग में व्यस्त है। जबकि असलीमुद्दे — आतंकवाद, बेरोजगारी और महंगाई पीछे छूटते जा रहे हैं।
खेड़ा ने अंत में ज़ोर देकर कहा
यह समय प्रचार का नहीं, जवाबदेही का है। यह समय नारे देने का नहीं, काम करने का है।”
उन्होंने सरकार को सीधी चुनौती दी कि अब देश केवल भावनात्मक भाषण नहीं, ठोस जवाब और परिणाम चाहता है।