
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज उत्तराखंड में भाजपा के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. सीएम की कुर्सी पर उन्हें लगातार चारसाल हो जाएंगे ये उनके दो कार्यकालों के चार साल हैं जिनमें उन्होंने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करके देश भर में विशेष पहचान बनाई औरखूब सुर्खियां बटोरीं. चार साल पहले जुलाई में पुष्कर सिंह धामी को राज्य की बागडोर सौंपी गई थी. तब विधानसभा चुनाव में सिर्फ छह-सात महीनेशेष थे नए युवा चेहरे के कंधों पर भाजपा को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी थी. सत्तारूढ़ दल की वापसी न कर पाने का मिथक बन गया था. मगर धामीने मिथक तोड़ दिया चुनाव जीतकर भाजपा ने इतिहास रच दिया. धामी के हाथों में ही कमान सौंपकर भाजपा हाईकमान ने भी नई इबारत लिख डाली.
एक्शन में कठोरता
तब से लेकर अब तक केंद्रीय नेतृत्व के लिए धामी उत्तराखंड में भाजपा के सबसे विश्वसनीय चेहरा साबित हुए हैं. चाहे यूसीसी लागू करने की बात रहीहो या फिर नकल विरोधी, धर्मांतरण विरोधी जैसे कानूनों की, धामी ने उन्हें अमल में लाने में देरी नहीं की. धामी के व्यवहार में सौम्यता और एक्शन मेंकठोरता हमेशा दिखी. उनके कामकाज को मान्यता देने के लिए पीएम मोदी कई बार उत्तराखंड आए। पीठ थपथपाई और साफ संदेश दिया कि वहबगैर किसी चिंता के इसी गति से काम करते रहें। इस बीच सांस रोकने वाला सिलक्यारा टनल प्रकरण रहा हो या फिर रोमांच की पराकाष्ठा वालेराष्ट्रीय खेल, अपनी क्षमताओं के इम्तिहान में धामी पूरे नंबर लाकर पास हुए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चार साल के कार्यकाल में समान नागरिकसंहिता, नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण रोकथाम कानून के संबंध में लिए गए फैसले राष्ट्रीय फलक पर छाए और देश के लिए मॉडल बने.
नकल रोधी कानून
1- नकल माफिया का कुचक्र तोड़ने के लिए फरवरी 2023 में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा में नकल रोकने के लिए( भर्ती में अनुचित साधनों कीरोकथाम व निवारण के उपाय) कानून लागू किया। यह देश के लिए एक मॉडल नकल रोधी कानून बना।
2. यूसीसी हुआ लागू: 27 जनवरी 2025 से उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना। इसके बाद कुछ अन्य भाजपाशासित राज्यों ने भी यूसीसी के लिए पहल की। यूसीसी के तहत प्रदेश में दो लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।
3. दंगाइयों से वसूली के लिए बनाया कानून: दंगा, हड़ताल, विरोध प्रदर्शन में सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों सेबाजार भाव पर नुकसान की भरपाई के लिए 2024 से उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून लागू किया।
4. गैंगस्टर एक्ट को बनाया सख्त: गैंगस्टर एक्ट में संशोधन करते हुए गो वध, मानव तस्करी, बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी, नकल माफिया, मनी लॉड्रिंगजैसे अपराधों को इसके दायरे में लाया गया। दोष सिद्ध होने पर 10 साल की गैर जमानती साज और 50 हजार रुपये तक जुर्माना प्रावधान कियागया।
5. राज्य आंदोलनकारियों और महिला को आरक्षण