
पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का सरकारी बंगले में ज्यादा दिन तक रुकना अब विवाद का कारण बन गया है. सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्रसरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि 5 कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला तुरंत खाली करवाया जाए. यह बंगला देश के मुख्य न्यायाधीश काआधिकारिक निवास है. चंद्रचूड़ नवंबर 2024 में रिटायर हुए थे लेकिन अब तक वहीं रह रहे हैं.सुप्रीम कोर्ट ने एक जुलाई को केंद्रीय आवास एवं शहरीमामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि देश के पूर्व मुख्य न्यायधीश चंद्रचूड़ तय समय से ज्यादा दिन बंगले में रह रहे हैं. नियम के मुताबिकरिटायरमेंट के बाद पूर्व मुख्य न्यायधीश को छह महीने तक टाइप-सात बंगले में रह सकते हैं.
नियमों का किया उल्लंघन
लेकिन चंद्रचूड़ टाइप-आठ बंगले में आठ महीने से रह रहे हैं जो नियमों का उल्लंघन है. इस मुद्दे पर चंद्रचूड़ ने कहा कि यह देरी उनके पारिवारिककारणों की वजह से हुई. उन्होंने बताया कि उनकी दो बेटियों को विशेष देखभाल की जरूरत है और उनके लिए उपयुक्त घर ढूंढना आसान नहीं था. सरकार ने उन्हें किराए पर दूसरा घर दिया है जिसकी मरम्मत चल रही है मरम्मत पूरी होते ही वह शिफ्ट हो जाएंगे.दिलचस्प बात यह है कि चंद्रचूड़ केरिटायरमेंट के बाद दो मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला लेने सेइनकार कर दिया. दोनों ने अपने पुराने आवास में ही रहना पसंद किया इसी वजह से चंद्रचूड़ को बंगले में अतिरिक्त समय मिलने में आसानी हुई.सुप्रीमकोर्ट की तरफ से चंद्रचूड़ को पहले ही अप्रैल 2025 तक बंगला रखने की अनुमति दी गई थी. बाद में मई 2025 तक मौखिक रूप से मोहलत भीमिली. लेकिन अब वह समय भी बीत चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब और इंतजार नहीं किया जा सकता क्योंकि कई जजों कोआवास की जरूरत है.चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है.
कुछ दिनों में छोड़ेगे बंगला
उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कुछ ही दिनों में बंगला छोड़ देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले कई पूर्व मुख्य न्यायाधीश को भी परिस्थितियों कोदेखते हुए अतिरिक्त समय दिया गया है। वह यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट प्रशासन के साथ पहले ही साझा कर चुके हैं. यह मामला इसलिए भी चर्चा में हैक्योंकि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ऐसा कम ही देखा गया है जब अदालत को अपने आधिकारिक निवास को खाली कराने के लिए केंद्र सरकार कोलिखित रूप से कहना पड़े। आमतौर पर ऐसे मामलों में अंदरखाने समाधान निकाल लिया जाता है. लेकिन मौजूदा हालात में अदालत को सख्त कदमउठाना पड़ा जिससे यह मामला और ज्यादा सुर्खियों में आ गया है.पूर्व मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सरकारी बंगले में तय समय से ज्यादा दिनरुकने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बंगला तुरंत खाली कराने की मांग की है. चंद्रचूड़ ने इसे पारिवारिक मजबूरी बताया है उन्होंनेकहा कि उनकी बेटियों की विशेष जरूरतों के कारण नया घर मिलने में देरी हुई. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अब और मोहलत नहीं दी जा सकती.