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दिल्ली के वरिष्ठ विधायक सौरभ भारद्वाज ने एक साथ कई गंभीर मुद्दों पर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को कटघरे में खड़ाकिया। उन्होंने कहा कि अगर विकास परियोजनाओं में देरी के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना है, तो वह सिर्फ दिल्ली सरकार नहीं, बल्कि केंद्रसरकार के मंत्री भी होने चाहिए।


प्रोजेक्ट में देरी पर एकतरफा कार्रवाई क्यों? – सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में एक पुल – रानी लक्ष्मीबाई फ्लाईओवर – जिसका निर्माण कार्यवर्ष 1998 में प्रारंभ हुआ था, उसे पूर्ण होने में दो दशक लग गए। इसके बावजूद आज कोई केंद्रीय मंत्री जिम्मेदार नहीं ठहराया गया। वहींअहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन परियोजना 2023 तक पूरी होनी थी, लेकिन अब यह कहा जा रहा है कि यह ट्रेन 2033 तक भी पूरी नहीं होगीऔर इसकी लागत भी दोगुनी हो गई है।


अगर कोई परियोजना तय समय पर पूरी नहीं होती तो केवल दिल्ली सरकार को बलि का बकरा क्यों बनाया जाता है? क्या केंद्र सरकार के मंत्रियों कोजवाबदेह नहीं ठहराया जाना चाहिए?
जंतर मंतर पर विरोध करना हमारा अधिकार – सौरभ भारद्वाज ने यह भी स्पष्ट किया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना नागरिकों का मौलिक अधिकार है।उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय सहित विभिन्न न्यायालयों ने यह साफ किया है कि कोई भी नागरिक सरकार की नीतियों के विरोध में जंतर मंतर परअपनी आवाज उठा सकता है। अगर जंतर मंतर पर कोई अव्यवस्था या टकराव होता है, तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से दिल्ली पुलिस और उनकेवरिष्ठ अधिकारियों की होगी, जो केंद्र सरकार के अधीन कार्य करते हैं।

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