
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के दावे पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने कहा कि यहगरीबों के साथ क्रूर मजाक है और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़े ममता सरकार के दावों को पूरी तरह गलत साबितकरते हैं. भाजपा आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने सोमवार को कहा कि सर्वे के मुताबिक बंगाल के 6 से 59 महीने की आयु वाले 69 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से पीड़ित हैं, जबकि चौथे सर्वेक्षण में यह आंकड़ा 54 प्रतिशत था. इसी तरह, 71 प्रतिशत महिलाएंऔर 39 प्रतिशत पुरुष भी एनीमिया से प्रभावित पाए गए.
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘ममता बनर्जी का फूड सिक्योरिटी भाषण गरीबों के साथ क्रूर मजाक है.
सहयोगियों की मिटा रही है भूख
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 ने उनके सारे बड़े-बड़े दावों की पोल खोल दी है. उन्होंने बताया कि राज्य के कई जिलों में बच्चों में कुपोषण और ऊंचाईके मुकाबले कम वजन की समस्या बढ़ी है. इस मामले में कोलकाता में 11.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी, दार्जिलिंग में 9.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी, दक्षिणदिनाजपुर में 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी और हावड़ा में 6.7 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई हैं. भाजपा नेता ने ममता की ‘खाद्यसाथी’ और ‘दुआरे राशन’ योजनाओंको भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि ये योजनाएं असल में लोगों के लिए नहीं, बल्कि उनके भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के लिए दावतबन गई हैं. उन्होंने आरोप लगाया, ‘ममता केवल अपने भ्रष्ट सहयोगियों की भूख मिटा रही हैं, आम जनता की नहीं.
कर्ज होने का है अनुमान
बता दें कि ममता बनर्जी ने हाल ही में एक्स पर लिखा था कि उनकी सरकार ने राज्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है और कई कल्याणकारी योजनाओंके तहत लोगों के घर-घर राशन और खाद्यान्न पहुंचाए जा रहे हैं भाजपा का आरोप है कि जब राज्य पर 2026 तक 7.72 लाख करोड़ रुपये का कर्जहोने का अनुमान है, तब ममता सरकार लोगों को भूखा रख रही है अमित मालवीय ने कहा, ‘2026 में भाजपा इस तमाशे को खत्म करेगी और बंगालको असली खाद्य सुरक्षा देगी.