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दिल्ली कांग्रेस ने उठाई दलित युवक की नृशंस हत्या पर आवाज
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने उत्तर प्रदेश के बरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किएजाने की घटना की कड़ी निंदा की है। इस भयावह घटना के खिलाफ दिल्ली कांग्रेस ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) में एक आधिकारिकशिकायत दर्ज कराई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। देवेंद्र यादव ने कहा कि यह केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्किमानवता पर किया गया सबसे बड़ा अत्याचार है। उन्होंने कहा कि देश के किसी भी कोने में अगर किसी दलित या कमजोर वर्ग पर अत्याचार होता है, तो यह लोकतंत्र के अस्तित्व पर सवाल उठाता है।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में कांग्रेस ने सौंपी शिकायत
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन को एक ज्ञापन सौंपा और मांग की कि इस मामले की सच्चाई सामनेलाने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच दल तुरंत गठित किया जाए। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बरेली में 40 वर्षीय दलित युवक हरिओमवाल्मीकि की भीड़ द्वारा हत्या एक संगठित मॉब लिंचिंग का मामला है, जिसकी पारदर्शी और निष्पक्ष जांच आवश्यक है। इस प्रतिनिधिमंडल कीशिकायत को आयोग के सदस्य डॉ. (जस्टिस) बिद्युत रंजन सारंगी ने गंभीरता से सुना और कहा कि आयोग इस मामले की पूरी समीक्षा करेगा तथाउचित कार्रवाई के लिए ठोस कदम उठाएगा।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे वरिष्ठ वकील और कार्यकर्ता
देवेंद्र यादव के साथ इस मौके पर दिल्ली कांग्रेस के लीगल एवं मानव अधिकार विभाग के चेयरमैन एडवोकेट सुनील कुमार, तस्वीर सौलंकी, एडवोकेटराजेश टोंक, एडवोकेट हरीश गोला, एडवोकेट अजय चौधरी, एडवोकेट सउद अहमद, एडवोकेट प्रतीक मोहन सिन्हा, एडवोकेट शिवम गौड़, एडवोकेटरोहित कुमार, एडवोकेट विनीत यादव, एडवोकेट रमनित शेरावत, एडवोकेट नितिन उपाध्याय, एडवोकेट हिमांशु पांडे, एडवोकेट अमन कुशवाह, एडवोकेट रूबी सोम सहित कई वकील और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। यह प्रतिनिधिमंडल न केवल कानूनी दृष्टि से बल्कि मानवीय संवेदनाओंके आधार पर भी इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है।

भाजपा सरकारों की नाकामी का परिणाम हैं ऐसी घटनाएं
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और यह सब भाजपा शासित राज्यों में कानून औरव्यवस्था की बदहाल स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बरेली जैसी घटनाएं केवल देश की आंतरिक छवि को ही नहीं, बल्कि दुनिया में भारत कीप्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाती हैं। “भाजपा सरकारें समय पर कार्रवाई करने के बजाय दोषियों को संरक्षण देती नजर आती हैं। यह न केवल दलितों केअधिकारों पर हमला है, बल्कि संविधान के मूल्यों का भी अपमान है। देवेंद्र यादव ने कहा कि अगर समय रहते इन घटनाओं को रोका नहीं गया तोसमाज में भय और असमानता का माहौल गहराता जाएगा।

दलितों और कमजोर वर्गों की सुरक्षा पर गंभीर चिंता
देवेंद्र यादव ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी दलित और हाशिए पर रहने वाले लोग अपने मानवाधिकारों और सम्मान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब देश विकसित भारत बनने का दावा कर रहा है, तब भी समाज का एक बड़ा वर्ग असुरक्षा और अत्याचारझेल रहा है। उन्होंने कहा दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की हत्या यह दिखाती है कि आज भी देश के सबसे कमजोर वर्ग सुरक्षित नहीं हैं। यह घटनाकेवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज की संवेदनहीनता की कहानी है।

देवेंद्र यादव ने गिनाईं देशभर की दर्दनाक घटनाएं
देवेंद्र यादव ने कहा कि बरेली की घटना कोई अलग मामला नहीं है। देश में लगातार दलितों और अल्पसंख्यकों पर हिंसा की घटनाएं हो रही हैं।उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा रोहित वेमूला की संस्थागत हत्या, मध्य प्रदेश में दलित युवक पर पेशाब करना, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश में दलितों कीपिटाई, अखलाक और पहलू खान की नृशंस हत्या, हाथरस और उन्नाव जैसी घटनाएं — इन सबने देश की आत्मा को झकझोर दिया है। देवेंद्र यादवने कहा कि ऐसे मामलों में समाज के हर वर्ग को एकजुट होकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति अपनी जाति या वर्गके कारण उत्पीड़न का शिकार न बने।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से अपील सख्त कार्रवाई और दिशानिर्देश जारी हों
देवेंद्र यादव ने आयोग से मांग की कि बरेली की घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जाए और दोषियों पर शीघ्र कानूनीकार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि आयोग को केवल जांच तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्पष्टदिशा-निर्देश और निवारक उपाय भी जारी करने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाकर यह संदेश देनाचाहिए कि दलितों और कमजोर वर्गों पर अत्याचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। देवेंद्र यादव ने कहा “अगर बरेली जैसी घटनाओं परकठोर कदम नहीं उठाए गए, तो यह प्रवृत्ति और बढ़ेगी। आयोग को चाहिए कि वह दोषियों को कड़ी सजा दिलवाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं कोरोकने के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करे।

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