
दिल्ली में हो रही मामूली बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी है। जगह-जगह हो रहे जलभराव से जनता परेशान है, सड़कों पर पानीभर गया है और गलियां तालाब बन गई हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने इस स्थिति परकड़ा संज्ञान लेते हुए भाजपा के महापौर राजा इकबाल सिंह को एक पत्र लिखा है।
अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली की बारिश में भाजपा के चारों इंजन – केंद्र सरकार, राज्यपाल, दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस – सभी डूब गएहैं। उन्होंने इस पूरे हालात के लिए नगर निगम और भाजपा सरकार की लापरवाही और अक्षमता को जिम्मेदार ठहराया।
जलनिकासी व्यवस्था पूरी तरह फेल – जनता बेहाल
पत्र में अंकुश नारंग ने लिखा कि दिल्ली में हुई कुछ घंटे की बारिश के बाद सदर बाजार, आईटीओ, करोलबाग, पटपड़गंज, मुंडका, शालीमार बाग, मोतीबाग जैसे इलाकों में पानी भर गया। उन्होंने कहा कि सड़कों ने नदियों का रूप ले लिया है और गलियां छोटे-छोटे तालाब बन चुकी हैं। इस कारणलोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कहीं गाड़ियां बंद हो रही हैं, तो कहीं लोग पैदल चलने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि यह सब नगर निगम की तैयारियों की कमी और ड्रेनेज व्यवस्था की बदहाली का परिणाम है। हर साल मानसून में ऐसी हालत होती है, लेकिन भाजपा सरकार हर बार सिर्फ दिखावे की सफाई कर जनता को भ्रमित करती है। इस बार भी गाद सफाई का दावा किया गया, लेकिन हकीकतमें नाले जाम ही रहे।
तत्काल राहत और दीर्घकालिक समाधान की मांग
अंकुश नारंग ने महापौर से मांग की है कि जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत राहत कार्य चलाए जाएं, ड्रेनेज सिस्टम की समुचित सफाई और मरम्मतकी जाए, और जिन लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है, उन्हें आवश्यक सहायता और मुआवजा दिया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि दीर्घकालिकसमाधान के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए जो नगर के जल निकासी ढांचे में सुधार के लिए ठोस योजना बनाए।
विरोध प्रदर्शन कर पार्षदों ने जताई नाराजगी
इस गंभीर स्थिति को लेकर आज आम आदमी पार्टी के सभी पार्षदों ने सिविक सेंटर स्थित भाजपा महापौर कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शनकिया। पार्षदों ने हाथों में तख्तियां लेकर भाजपा पर निशाना साधा और दिल्ली को जलमुक्त करने की ठोस योजना की मांग की। यह समय जनसेवाका है, राजनीति का नहीं नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने अपने पत्र में लिखा, यह समय आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है। जनता पीड़ा में है और उसे राहत कीआवश्यकता है। महापौर से मेरा आग्रह है कि वे राजनीति से ऊपर उठकर इस समस्या का समाधान करें। जनता की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं की जासकती।