
बिजली निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर लोकदल का समर्थन और ऊर्जा मंत्री के घर घेराव की निंदा की है आज लखनऊ मेंलोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने ऊर्जा विभाग के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों द्वारा ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के आवास काघेराव और इस पूरे घटनाक्रम पर लोकदल ने सरकार की निजीकरण नीति की तीखी आलोचना करते हुए कर्मचारियों के आंदोलन को अपना पूर्णसमर्थन देते हुए कहा है कि बिजली जैसे आवश्यक और जनहित से जुड़े विभाग का निजीकरण सीधे जनता के हितों पर हमला है. इससे न सिर्फकर्मचारियों की नौकरी असुरक्षित होगी बल्कि आम उपभोक्ताओं पर इस महंगाई में महंगी बिजली का बोझ और बढ़ जाएगा,लोकदल ने इस घेराव कोसरकार की उदासीनता का परिणाम बताया और स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने जल्द ही इस मुद्दे पर सकारात्मक संवाद नहीं किया. तो लोकदल इसआंदोलन को और व्यापक जन समर्थन देने के लिए राज्यभर में जनजागरण अभियान शुरू करेगा.
कर्मचारियों की मांग है जायज
सुनील सिंह ने यह भी कहा कि आंदोलनकारी कर्मचारियों की मांगें जायज़ हैं और सरकार को तुरंत निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाकर वार्ता कीपहल करें.लोकदल ने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कर्मचारियों की आवाज़ नहीं सुनी, तो पार्टी विधान सभा से सड़क तक आंदोलन को तेजकरेगी. सुनील सिंह ने कहा कि बिजली विभाग का निजीकरण जनहित पर सीधा हमला है. इससे उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ बढ़ेगा औरकर्मचारियों की नौकरियां असुरक्षित हो जाएंगी. अगर सरकार ने बातचीत की पहल नहीं की, तो लोकदल राज्यभर में जनजागरण अभियान चलाकर इसआंदोलन को और तेज करेगा। लोकदल ने चेताया कि यदि कर्मचारियों की आवाज नहीं सुनी गई. तो पार्टी विधानसभा से सड़क तक संघर्ष करेगी।पार्टी ने सरकार से निजीकरण की प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाकर आंदोलनकारी कर्मचारियों से वार्ता शुरू करने की अपील की। लखनऊ में लोकदलअध्यक्ष सुनील सिंह ने ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के आवास का बिजली कर्मचारियों द्वारा किए गए घेराव का समर्थन किया. सुनील सिंह ने स्पष्ट किया किआंदोलनकारी कर्मचारियों की मांगें पूरी तरह जायज़ हैं और सरकार को चाहिए कि वह निजीकरण की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाए और सभी पक्षोंके साथ संवाद शुरू करे.