
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज राजधानी पटना पहुंचे, जहां उन्होंने एनडीए की बैठक की. पूर्व के कार्यक्रम के अनुसार पहले बैठक भाजपा केप्रदेश कार्यालय में होनी थी, लेकिन राजस्व कर्मचारियों के भाजपा कार्यालय के पास आन्दोलन करने के कारण बैठक का स्थान बदल कर स्टेट गेस्टहाउस किया गया. इस वजह से बैठक के समय में भी परिवर्तन हो गया. बैठक के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राजद और लालू प्रसाद परजमकर बोले उन्होंने कहा कि बिहार ने दो दौर देखे हैं – एक वह दौर जब अपहरण और भय का माहौल था, और दूसरा वह दौर जब विकास की राह परराज्य ने कदम बढ़ाए. उन्होंने आगे कहा कि बिहार की जनता जानती है कि किसने केवल पलायन और अराजकता को महिमामंडित किया और किसनेसड़क, अस्पताल, रेलवे और रोजगार दिया.
विकास विरोधी शासन का प्रतीक
बिहार को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो विकास को महत्व दें, न कि उसे रोकने का प्रयास करें.
जेपी नड्डा ने कहा कि एक समय था जब बिहार से इंजीनियर, प्रोफेशनल और कारोबारी घर लौटने से डरते थे अपहरण का ऐसा वातावरण था किफिरौती की दरें तक तय रहती थीं विश्वविद्यालयों में छात्रों को समय पर परीक्षा न दे पाने की शर्मिंदगी झेलनी पड़ती थी. आगे उन्होंने जर्जर सड़कों कोलालू प्रसाद यादव से जोड़ते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव कहते थे कि अगर सड़क बन जाएगी तो पुलिस जल्दी पहुंच जाएगी, इसलिए सड़क नहींबननी चाहिए जेपी नड्डा ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की यह मानसिकता विकास विरोधी शासन का प्रतीक थी.
विकास की राह पर राज्य ने कदम बढ़ाए
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर में बने हेलिपैड पर हेलिकॉप्टर से उतरे और फिर वहवहां से गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा की 50 फीट ऊंची प्रतिमा के पास गए। फिर वह प्रतिमा की परिक्रमा की इस दौरान जेपीनड्डा ने एआई आधारित फंडस ऑन फोन डिवाइस से अपने आँखों की जांच भी कराई बाल नेत्र विभाग में मोतियाबिन्द की सफल सर्जरी के बाद एकवर्षीय और दो वर्षीय बच्चे को दवा की किट भी दी गई सीतामढ़ी जिले के कन्हैया (1) और पश्चिम चंपारण जिले के मुन्ना (2) जन्मजात मोतियाबिन्दसे पीड़ित थे इस अस्पताल में कन्हैया और मुन्ना को एक-एक आंख के मोतियाबिन्द की सफल सर्जरी निःशुल्क की गयी. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्षजेपी नड्डा लालू प्रसाद और राजद पर जमकर हमला किया उन्होंने कहा कि बिहार ने दो दौर देखे हैं – एक वह दौर जब अपहरण और भय का माहौलथा, और दूसरा वह दौर है जब विकास की राह पर राज्य ने कदम बढ़ाए हैं.