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देश की शिक्षा व्यवस्था, हॉस्टलों की बदतर स्थिति और स्कॉलरशिप की अनदेखी को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेसनेता राजेन्द्र पाल गौतम, कन्हैया कुमार, डॉ. विक्रांत भूरिया और अन्य नेताओं ने मिलकर प्रेस वार्ता की और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए कि वहदलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को पढ़ने से वंचित करना चाहती है।


“नेशनल फेलोशिप स्कॉलरशिप बंद करना शैक्षणिक अन्याय” -राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा कि 2023 में नेशनल फेलोशिप स्कीम को बंद कर दियागया, जिससे लाखों गरीब, आदिवासी और दलित छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो गए। यह संविधान और सामाजिक न्याय के खिलाफ है ।”क्या यहनया छुआछूत नहीं है? हॉस्टलों की हालत खराब, स्कॉलरशिप बंद, और सिस्टम इतना कठिन कि बच्चे मानसिक रूप से टूट जाते हैं।” उन्होंने यह भीकहा कि SC-ST सब प्लान का पैसा मेट्रो, हाईवे और अन्य प्रोजेक्ट्स में डाइवर्ट किया जा रहा है, जबकि इसका उपयोग सीधे इन वर्गों के बच्चों कीशिक्षा और छात्रावास में होना चाहिए।


डॉ. विक्रांत भूरिया बोले -“आदिवासी छात्रों को जानबूझकर हाशिये पर रखा जा रहा है” कांग्रेस के युवा नेता डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि आदिवासीछात्रों को सरकार ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हॉस्टल में पीने का पानी, स्वास्थ्य, पढ़ाई की मूलभूत सुविधाएं तकउपलब्ध नहीं हैं। “यह सरकार आदिवासी युवाओं को पढ़ता हुआ नहीं देखना चाहती। वो चाहती है कि वे अशिक्षित रहें ताकि उन्हें अधिकारों कीजानकारी ही न हो। डॉ. भूरिया ने यह भी कहा कि यदि देश का आदिवासी, दलित और पिछड़ा युवा शिक्षित नहीं होगा तो लोकतंत्र की नींव कमजोरहो जाएगी।
“हर घंटे दो छात्रों की आत्महत्या – यह कैसा विकास?”- कन्हैया कुमार ने देश की शिक्षा व्यवस्था पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने बताया कि भारत मेंहर घंटे दो छात्र आत्महत्या कर रहे हैं, और यह दर्शाता है कि सिस्टम छात्रों को कैसे तोड़ रहा है। “पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की प्रक्रिया इतनी जटिलकर दी गई है कि छात्र अप्लाई ही नहीं करना चाहते। स्कॉलरशिप मिलती नहीं, हॉस्टल की हालत खराब — यह शिक्षा नहीं, सज़ा बन गई है।”


संविधान लीडरशिप प्रोग्राम: 100 दिन, 100 हॉस्टल ऑडिट- नेताओं ने घोषणा की कि एक विशेष अभियान “संविधान लीडरशिप प्रोग्राम” के तहत, अगले 100 दिनों में पूरे देश के हॉस्टलों का ऑडिट किया जाएगा। इस मुहिम को “व्हाइट टी-शर्ट मूवमेंट” के नाम से चलाया जाएगा। “यह सिर्फकांग्रेस का नहीं, देश के भविष्य का अभियान है। हम सबको मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों को उनके अधिकार मिलें।”


महंगाई बढ़ीस्कॉलरशिप नहीं
राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा कि जब देश में हर चीज़ महंगी हो गई है — मोबाइल रिचार्ज, दाल, गैस, पेट्रोल- तो स्कॉलरशिप की राशि क्यों नहीं बढ़ाईगई? “जब पीएम के लिए 8500 करोड़ का जहाज खरीदा जा सकता है, तो दलित छात्रों के लिए बेहतर हॉस्टल क्यों नहीं बनाए जा सकते?”
मुख्य मांगें
नेशनल फेलोशिप स्कीम को बहाल किया जाए।
पोस्ट मैट्रिक और अन्य स्कॉलरशिप समय पर जारी की जाए।
स्कॉलरशिप राशि को महंगाई से जोड़कर बढ़ाया जाए।
SC/ST सब प्लान का पैसा डायवर्ट न किया जाए।
स्कॉलरशिप हेतु इनकम लिमिट को वर्तमान दरों पर अपडेट किया जाए।
यूनिवर्सिटी से तय होती है देश की शान, न कि संसद भवन की चमक से
कन्हैया कुमार ने कहा-नालंदा और विक्रमशिला जैसी विश्वविख्यात यूनिवर्सिटियां भारत की असली शान थीं। अगर आज के छात्र पढ़ नहीं पाएंगे, तोभारत ‘विश्वगुरु’ कैसे बनेगा?
कांग्रेस नेताओं ने देशवासियों से अपील की कि वे संविधान लीडरशिप प्रोग्राम से जुड़ें और अपने क्षेत्र के हॉस्टलों की स्थिति की जांच में हिस्सा लें। यहसिर्फ शिक्षा का मुद्दा नहीं, देश के भविष्य का सवाल है।

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