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एक रिपोर्ट में भारत को चौथा सबसे समान देश बताए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाए हैं और इसे सरकार की धोखाधड़ी और बौद्धिक बेईमानीकरार दिया है. कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार आंकड़ों की हेराफेरी करके देश में बढ़ती असमानता की वास्तविकता को नहीं टाल सकती। दरअसलविश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें बताया गया है कि भारत में साल 2011-12 से लेकर 2022-23 के बीच तेजी से असमानता घटी है. रिपोर्ट में भारत को दुनिया में चौथा सबसे समान देश बताया गया है कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि ‘आप क्रोनोलॉजीसमझिए.

चेतावनी संकेतों की गई पहचान
विश्व बैंक ने गरीबी और समानता पर अप्रैल 2025 में रिपोर्ट जारी की. इसके तुरंत बाद कांग्रेस ने बयान जारी किया जिसमें विश्व बैंक द्वारा भारत मेंगरीबी और असमानता के लिए बताए गए कई चेतावनी संकेतों की पहचान की गई. जिसमें सरकारी आंकड़ों में असमानता को कम करके आंकने कीचेतावनी भी शामिल थी. इस रिपोर्ट के तीन महीने बाद 5 जुलाई को मोदी सरकार और उनके समर्थकों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की. जिसमें दावाकिया गया कि भारत दुनिया के सबसे समान समाज वाले देशों में चौथे नंबर पर है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार का डेटा सीमित उपलब्धता औरअनिश्चित गुणवत्ता वाला डेटा है. जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि सरकार ने विश्व बैंक की रिपोर्ट के विश्लेषण में लापरवाही बरती और यह पूरी तरहसे बौद्धिक बेईमानी है. रमेश ने कहा कि ‘जब हम दुनिया के मुकाबले भारत में आय समानता की तुलना करते हैं तो भारत का प्रदर्शन बेहद खराब है. भारत साल 2019 में दुनिया के 216 देशों में 176वें स्थान पर था. दूसरे शब्दों में भारत चौथा सबसे समान समाज नहीं है. यह असल में दुनिया में40वां सबसे असमान समाज है. भारत में आय असमानता बढ़ी है और मोदी राज में यह बेहद खराब हुई है. भारत में संपत्ति असमानता आय असमानताके मुकाबले ज्यादा है.

बौद्धिक समन्वय की है कमी
जयराम रमेश ने कहा कि इस सरकार में प्रतिभा की कमी है और बौद्धिक समन्वय की भी कमी है. पीआईबी को इस प्रेस विज्ञप्ति को तुरंत वापस लेनाचाहिए. विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का गिनी इंडेक्स 25.5 है. जो इसे स्लोवाकिया, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद दुनिया का चौथासबसे समान देश बनाता है। जयराम रमेश ने कहा कि ‘जब हम दुनिया के मुकाबले भारत में आय समानता की तुलना करते हैं तो भारत का प्रदर्शन बेहदखराब है. भारत साल 2019 में दुनिया के 216 देशों में 176वें स्थान पर था दूसरे शब्दों में भारत चौथा सबसे समान समाज नहीं है. यह असल मेंदुनिया में 40वां सबसे असमान समाज है.जब हम दुनिया के मुकाबले भारत में आय समानता की तुलना करते हैं तो भारत का प्रदर्शन बेहद ख़राब है. 2019 में भारत 216 देशों में 176वें स्थान पर था. दूसरे शब्दों में भारत चौथा सबसे समान समाज नहीं है. बल्कि दुनिया में 40वां सबसे असमानसमाज है.रमेश ने प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो से इस “भ्रामक” प्रेस विज्ञप्ति को तुरंत वापस लेने की मांग की. उन्होंने सरकार पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेशकरने का आरोप लगाया और कहा कि इससे जनता को गुमराह किया जा रहा है.

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