
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अफसरशाही पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने अधिकारियों पर कोईनिर्देश नहीं मानने और अपने लोगों को अनुचित लाभ देने का आरोप लगाया है वह नीतियों को ताक पर रखकर अपने स्तर से फैसले ले रहे हैं औरपत्रावलियों को ही गायब कर रहे हैं. नंदी ने अपने पत्र में कुछ मामलों में बरती गईं अनियमितताओं का जिक्र भी किया गया है. जिसकी उच्चस्तरीयजांच के निर्देश दिए गए हैं। नंदी के लगाए गए आरोपों की जांच के निर्देश के साथ मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की गई है. सूत्रों के मुताबिक मंत्री केआरोपों के ठोस जवाब शीर्ष स्तर के अधिकारी तैयार कर रहे हैं.
फाइलें मगाकर कर रही है डंप
सीएम को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि काम में अड़ंगा डालने के लिए अफसरशाही अपने स्तर पर फाइलें मंगाकर डंप कर रही है. साथ ही कईपत्रावलियों में ऐसे प्रस्ताव हैं जो नियम विरुद्ध होने के बावजूद अपने स्तर से अधिकारी पारित कर रहे हैं. कुछ लोगों को अनुचित लाभ देने के लिएनीतियों के विरुद्ध जाकर प्रस्ताव पारित किए गए हैं. नंदी के पत्र के मुताबिक दो साल से तमाम फाइलें बार-बार मांगने के बाद भी अफसरों ने नहीं दी. आखिर क्यों? इस जवाब में विभाग में तैनात एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने मना किया है. इस पर मंत्री ने पिछले वर्ष 7 अक्तूबर को ऐसी मामलों की सूची सीएम आफिस भेजी। 29 अक्तूबर को एक हफ्ते के अंदर सभी फाइलों को पेश करने के निर्देश दिए गए. लेकिनछह महीने बाद भी फाइलें नहीं दी गईं इसी तरह विभाग में कामकाज का बंटवारा सक्षम स्तर से कराने के निर्देश तीन साल पहले दिए थे. लेकिनमामले की फाइल ही लापता हो गई. अफसरों पर मनमानेपन का आरोप लगाते लगाते हुए लिखा है कि कई मामले ऐसे हैं जिनमें एक जैसीपरिस्थितियों में किसी को फायदा पहुंचाया गया और किसी का केस खारिज कर दिया गया है.
अधिकारी को जा चुका है हटाया
ऐसे ही एक केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी को हटाया जा चुका है. योगी सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी ने सीएम योगी को पत्र लिखकर प्रदेश की नौकरशाही की आलोचना की है. इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने उच्च स्तरीय जांच केनिर्देश दिए और पूरी रिपोर्ट तलब की है. शीर्ष अधिकारियों द्वारा जवाब भी तैयार किया जा रहा हैपत्र में कहा गया कि “काम में अड़ंगा डालने” काप्रयास हो रहा है फाइलें डंप की जा रही हैं और तेज़ी से निर्णय लेने में अनियमितताएं मंत्री के मुताबिक, कुछ अधिकारियों द्वारा नीति-विरुद्ध प्रस्तावपारित किए गए और एक जैसी परिस्थिति में भेदभावपूर्ण निर्णय लिए गए उन्होंने बताया कि दो साल से फाइलों को छिपाया जा रहा है. और तीनसाल पहले काम का बंटवारा करने का आदेश था, लेकिन संबंधित दस्तावेज गायब बताए जा रहे हैं इससे पहले मंत्री नंदी ने कानपुर की सहकारीकताई मिल की जांच हेतु FIR और SIT जांच का आदेश भी दिया था. जिससे उनकी सीधी कार्रवाई की छवि बनी.