
पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को मणिपुर दौरे पर जाएंगे। वे यहां 8500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. मणिपुर केमुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री सबसे पहले मिजोरम से चुराचांदपुर पहुंचेंगे और फिर इंफाल जाएंगे. वहीं पीएम मोदी के दौरेसे पहले गुरुवार शाम को कुकी बहुल चुराचंदपुर जिले में दो स्थानों पर उपद्रवियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई. मणिपुर के मुख्य सचिव ने कहाकि मणिपुर के समावेशी, सतत और समग्र विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रधानमंत्री चुराचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक कीलागत वाली कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. जबकि 1200 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटनकरेंगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की 13 सितंबर की मणिपुर यात्रा राज्य में शांति, सामान्य स्थिति और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी.
पीएम मोदी चुराचांदपुर और इम्फाल में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से बातचीत करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार को संभावितमणिपुर दौरे से पहले इंफाल और चुराचांदपुर में सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं प्रधानमंत्री के मणिपुर दौरे को लेकर अभी तक कोई आधिकारिकघोषणा नहीं की गई है लेकिन उनके मिजोरम यात्रा के बाद मणिपुर पहुंचने की संभावना है.
राज्य में प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर तैयारियां काफी तेजी से चल रही हैं इंफाल में करीब 237 एकड़ में फैले कांगला किले और चुराचांदपुर के पीसग्राउंड के आसपास बड़ी संख्या में राज्य और केंद्रीय बलों के जवान तैनात किए गए हैं वहां पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए एक भव्य मंच कानिर्माण भी किया जा रहा है इसी क्रम में राज्य में कई बैठकें भी आयोजित की जा चुकी हैं मई 2023 में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीयहिंसा भड़कने के बाद मोदी की यह पहली मणिपुर यात्रा होगी. राज्य में महीनों जारी रही हिंसा में 250 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों बेघर होगए.
राज्य कर्मचारियों के साथ केंद्रीय सुरक्षा दल कांगला किले का चौबीसों घंटे निरीक्षण कर रहे हैं और राज्य आपदा प्रबंधन बल की नौकाओं को किलेके चारों ओर की खाइयों में गश्त के लिए लगाया गया है. 1891 में रियासत के विलय से पहले कांगला किला तत्कालीन मणिपुरी शासकों की सत्ताका प्राचीन केंद्र हुआ करता था तीन तरफ खाइयों और पूर्वी तरफ इंफाल नदी से घिरा यह किला एक बड़े पोलो मैदान, जंगल, मंदिरों के खंडहर औरराज्य पुरातात्विक कार्यालयों से घिरा है. एक केंद्रीय सुरक्षा अधिकारी ने बताया, किसी अवांछित सामग्री का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों औरउन्नत उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है सुरक्षाकर्मी बारी-बारी से किले के बाहरी इलाके और परिसर में पैदल गश्त कर रहे हैं ताकि किसी भीअवांछित वस्तु या व्यक्ति की जांच की जा सके किले में पर्यटकों के आने-जाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है एक अन्य अधिकारी ने कहा किअधिकतम अलर्ट जारी कर दिया गया है और उच्च पदस्थ अधिकारियों की निगरानी में निरंतर अभ्यास चल रहा है। स्थिति पर कड़ी नजर रखने के लिएसुरक्षा अधिकारियों की दैनिक बैठकें भी चल रही हैं.