
मध्य प्रदेश की राजनीति में एक फिर पांच साल पुराना जिन्न बाहर निकल आया है जब महज 15 महीने में कमलनाथ सरकार गिर गई थी. कांग्रेस केदो दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से सरकार गिराए जाने की अलग-अलग वजह बताकर राजनीतिकहलचल मचा दी है. दिग्विजय सिंह ने एक पॉडकास्ट में 5 साल पहले वाली बंद कमरे की बात को सार्वजनिक कर दिया है. उन्होंने कहा कि, उनकीवजह से नहीं बल्कि कमलनाथ की वजह से सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए और सरकार गिर गई. इसके बाद कमलनाथ ने भी दिग्विजयसिंह पर खुलकर वार किया है। दोनों नेताओं के बीच चल रहे वार पलटवार के बीच पहली बार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रतिक्रियादी है. मंगलवार को राजधानी दिल्ली में एक अनौपचारिक बातचीत में अमर उजाला ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया से दिग्विजय-कमलनाथ की इस आपसीरस्साकशी पर राय पूछी. उन्होंने कहा कि ‘मैं अतीत में नहीं जाना चाहूंगा. मीडिया से चर्चा में सिंधिया ने कहा कि इस मुद्दे पर मुझे कुछ भी कहने कीआवश्यकता नहीं है.
काम करवाने का किया दावा
दोनों नेताओं के बयान ही स्पष्ट कर रहे हैं कि उनके बीच क्या चल रहा था? और अभी क्या चल रहा है? उन्होंने बताया, ‘जहां तक दिग्विजय सिंह जीऔर कमलनाथ जी से मेरे संबंधों की बात है तो वह वर्षों पुराने पारिवारिक संबंध हैं। मैं आज भी दोनों नेताओं को उतना ही सम्मान देता हूं जैसा मैंपहले देता था.
सिंधिया ने कहा, “मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी. तब मैंने अपने समर्थक मंत्रियों से साफ कहा था कि, सरकार से जुड़ा कोई भी काम कोलेकर मेरे पास मत आया करो सरकार के मुखिया कमलनाथ जी हैं. आप लोग सीधे उन्हीं से बात किया करो. मैं आपके मंत्रालयों से जुड़े मामलों मेंकोई हस्तक्षेप नहीं करुंगा. ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब बगावत की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा, “मैं 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरानग्वालियर चंबल संभाग के अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में प्रचार के लिए गया था। इस दौरान मैंने कांग्रेस के उम्मीदवारों से वादा किया था. राज्य मेंकांग्रेस सरकार बनेगी तो आपके क्षेत्रों के विकास के काम प्राथमिकता के साथ कराए जाएंगे. जब कमलनाथ जी मुख्यमंत्री बने तो मैं केवल उनसे इन्हींबातों को लेकर मिलने जाता था मैंने उन्हें भी बताया था, जहां मैं प्रचार के लिए गया था. मैंने उन सभी लोगों से विकास के काम करवाने का वादाकिया है.
लेना पड़ेगा एक्शन
अब इन क्षेत्रों के विकास के काम प्राथमिकता के साथ पूरे होने चाहिए. कमलनाथ सरकार गिराने और कांग्रेस छोड़ने की बात पर केंद्रीय मंत्री सिंधियाकहते है कि दोनों नेताओं से मेरे परिवार के वर्षों पुराने संबंध हैं। जब कभी दिग्विजय सिंह जी मेरे पिता जी से मिलने घर आते थे तब पिताजी किसीअन्य काम में व्यस्त होते थे तो दिग्विजय सिंह जी के साथ बैठने और बातचीत करने की जिम्मेदारी मेरी होती थी कमलनाथ जी भी मेरे पिताजी केसमकक्ष हैं मैं बचपन से उन्हें कमल अंकल कहकर बुलाता आया हूं. सिंधिया ने कहा, “जब बात सम्मान और स्वाभिमान की होती है तो सोचना पड़ताहै. बंद कमरे में मेरे और मेरे परिवार के लिए कई बार बहुत सी बातें बोली गईं लेकिन मैंने उन पर ध्यान नहीं दिया. लेकिन सार्वजनिक तौर जब मेरे औरपरिवार के खिलाफ कुछ बातें बोली गईं तो मुझे एक्शन लेना पड़ा.