ऑल इंडिया आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में कहा कि यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि इंसानियतको शर्मसार करने वाली घटना है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के एक गांव में 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ गैंगरेप किया गया, उसे बेरहमीसे पीटा गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उसकी आंखें तक निकाल दी गई थीं। महिला की 16 साल कीबेटी जब मां को देखने पहुंची, तो वह बेसुध हो गई।
दिल्ली में होता है तो मीडिया गरजता है, गांव में होता है तो सन्नाटा क्यों?
डॉ. भूरिया ने कहा कि जब दिल्ली में कोई वारदात होती है तो मीडिया से लेकर सरकार तक सब हिल जाते हैं, लेकिन जब यही अपराध गांवों में, खासकर आदिवासी महिलाओं के साथ होते हैं, तो सब चुप क्यों हो जाते हैं?
उन्होंने साफ कहा – “यह अपराध बढ़ते जा रहे हैं क्योंकि सरकार सो रही है, प्रशासन चुप बैठा है।”
शराब माफियाओं का राज और आदिवासी महिलाओं की असुरक्षा
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में शराब माफिया खुलेआम कानून को चुनौती दे रहे हैं। जहां शराबबंदी का कानून होना चाहिए, वहांधड़ल्ले से शराब बिक रही है। औरतें डर में जी रही हैं, लेकिन सरकार आंखें मूंदे हुए है।
कांग्रेस की मांगें
कांग्रेस ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है:
मध्य प्रदेश को एक पूर्णकालिक गृह मंत्री मिले।
फास्ट ट्रैक कोर्ट बनें ताकि पीड़ितों को जल्द न्याय मिल सके।
आदिवासी क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर सख्ती से रोक लगे।
आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष योजना लाई जाए।
राजनीति नहीं, न्याय चाहिए
डॉ. भूरिया ने कहा कि यह वक्त राजनीति का नहीं, इंसाफ का है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि जब वह 31 मई को भोपाल आएं, तो पीड़ितोंकी बहनों के दर्द को भी महसूस करें। उन्होंने कहा – “किसी भी सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं की जगह नहीं होनी चाहिए। अब बहुत हुआ।”