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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश को देश की डेयरी केपिटल बनाएंगे. पशुपालन एवं डेयरी विभाग का नाम पशुपालन, डेयरी औरगौपालन विभाग होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. सम्मेलन में प्रदेश भर से आए गौ-पालकों और गौ-शाला संचालकों ने उत्साह से भागीदारी की. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ-शालाओं को 90 करोड़ रुपए की अनुदान राशि अंतरित सिंगल क्लिक से की। इस अवसर पर भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तीन हितग्राहियों को प्रतीकस्वरूप ऋण स्वीकृति आदेश भी दिए गए.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को देश की दुग्ध राजधानी बनाना है. राज्य शासन द्वारा इसके लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं.मध्यप्रदेशनदियों का मायका है. पूरा प्रदेश वनों से आच्छादित है वर्ष 2002-03 तक पशुपालन विभाग का बजट सिर्फ 300 करोड़ था.

दूध है सम्पूर्ण आहार
जो बढ़कर अब 2600 करोड़ हो गया है. किसी समय प्रदेश में फैट मात्रा के अनुसार दूध खरीदने की व्यवस्था लागू की गई थी राज्य सरकार ने अमृतसमान गौ-माता का दूध खरीदने का निर्णय लिया है ताकि गौ-पालकों तक लाभ पहुंचे.मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गाय का दूध सम्पूर्ण आहार है. राज्य में हाईटैक गौशालाएं संचालित हो रही हैं। सरकार का अर्थ ही यह है कि गरीबों के जीवन से कष्टों का नाश हो और सुख का मार्ग प्रशस्त हो. राज्य सरकार ने गौशाला संचालन के लिए अनुदान राशि 20 रुपए से बढ़कर 40 रुपए प्रति गाय प्रतिदिन की गई है. राज्य सरकार ने राष्ट्रीय डेयरीविकास बोर्ड से अनुबंध किया है प्रदेश का दूध उत्पादन पांच गुना करने का लक्ष्य है। वर्तमान में प्रदेश में साढ़े पांच करोड़ लीटर दूध उत्पादित होता हैऔर इसमें से लगभग आधा घरेलू उपयोग और शेष मार्केट तक पहुंचता है. फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर प्रदेश में दुग्ध से समृद्धि के लिए नईयोजनाएं बना रहे हैं. दुग्ध उत्पादन और संकलन के कार्य को व्यवस्थित बनाने के लिए समितियों की संख्या भी 9 हजार से बढ़कर 26 हजार करने कासंकल्प है.मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पशुपालन विभाग का नाम बदल कर अब इसे पशुपालन के साथ गोपालन विभाग भी कहा जाएगा.

कल्याणकारी योजनाएं की जाएगी संचालि
गौ- माता को सम्मान देते हुए इस विभाग के माध्यम से कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जाएंगी. डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना में गायके पालन के लिए अनुदान दिया जा रहा है। गाय के गोबर से किसान खाद बनाएं, सरकार प्राकृतिक खाद से उत्पादित अनाज का ज्यादा भाव देगी. वर्तमान में इंदौर, देवास, रीवा एवं कुछ अन्य जिलों में गौ-शालाओं के माध्यम से सीएनजी गैस का उत्पादन किया जा रहा है. किसानों को रसायन मुक्तप्राकृतिक और जैविक खाद उपलब्ध हो रही है बड़ी गौशाला खोलने के लिए राज्य सरकार 125 एकड़ जमीन प्रदान करेगी. वर्तमान बजट में इसकेलिए प्रावधान भी किया गया है अगले तीन साल में गौ-पालन के क्षेत्र में प्रदेश का परिदृश्य बदलेंगे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज 7 गौ-शालाएं पुरस्कृत हुई हैं और गौ सेवी भी सम्मानित हुए हैं. यह भोपाल, दमोह, अनूपपुर, रायसेन, छिंदवाड़ा, हरदा और विदिशा जिलों के हैं। कार्यक्रम में73 गौशालाओं को पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान किए गए.

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