
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई कम रहने की उम्मीद के चलते बजट में अनुमानित10.1% नॉमिनल जीडीपी वृद्धि से थोड़ी गिरावट हो सकती है. हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि वास्तविक जीडीपी का लक्ष्य 6.3% से 6.8% केबीच जरूर पूरा होगा. इस दौरान नॉमिनल जीडीपी और वास्तविक जीडीपी में अंतर पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि नॉमिनल जीडीपी में महंगाई काप्रभाव शामिल होता है, जिससे कीमतें बढ़ने पर जीडीपी अधिक दिखाई देती है. वहीं, वास्तविक जीडीपी महंगाई को समायोजित करके तैयार कीजाती है जिससे अर्थव्यवस्था की असल स्थिति सामने आती है.
आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार
नागेश्वरन ने आगे जीडीपी के नए दरों से देश में महंगाई कम होने की संभावनाओं पर जोर दिया. इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे महंगाईदर कम होगी क्योंकि खरीफ फसल अच्छी रहने की उम्मीद है और जीएसटी परिषद ने हाल ही में 400 से अधिक वस्तुओं पर टैक्स घटाया है, जिससेकीमतें नीचे आएंगी. साथ ही, फरवरी के बजट में दिए गए इनकम टैक्स राहत से आम लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे घरेलू खपत मेंइजाफा होगा. इसके साथ ही आगे नागेश्वरन ने बताया कि वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 8.8% की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर्ज हुई हैजो पहले की उम्मीद (8% से 8.5%) से बेहतर रही. उन्होंने कहा कि कम महंगाई और कर राहत से उपभोग बढ़ेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों कोरफ्तार मिलेगी.
लेनदेन पर भी सकारात्मक असर
इसके अलावा जीएसटी सुधारों पर बोलते हुए नागेश्वरन ने कहा कि इस बार जीएसटी दरों को चार से घटाकर दो किया गया है और प्रक्रियाएं भी सरलकी गई हैं. इससे ना सिर्फ खुदरा (B2C), बल्कि व्यवसाय से व्यवसाय (B2B) लेनदेन पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा. उन्होंने उम्मीद जताई किमजबूत घरेलू मांग और नीतिगत सुधारों के चलते भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार आगे भी बनी रहेगी, भले ही वैश्विक चुनौतियां कुछ हद तक असरडालें. हालांकि दूसरी ओर उन्होंने इस बात को लेकर भी चेतावनी दी कि अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% तक का टैरिफ लगाने से दूसरीतिमाही में कुछ दबाव आ सकता है. अमेरिका ने यह कदम भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने और कुछ पुराने व्यापार अवरोधों को न हटाने के चलतेउठाया है.